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105 परियोजनाओं को शुरू किया, ‘ओडिशा दृष्टि दस्तावेज’ का अनावरण और नयी ट्रेन को किया रवाना
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माझी सरकार के एक साल पूरा होने पर आयोजित समारोह में हिस्सा लिया
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को ओडिशा की अपनी यात्रा के दौरान 18,600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 105 विकास परियोजनाओं की शुरूआत की, ‘ओडिशा दृष्टि दस्तावेज’ का अनावरण किया और नयी ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने ‘लखपति दीदी’ सहित कई लोगों को सम्मानित भी किया।
जून 2024 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार बनने के बाद से छठी बार ओडिशा आए मोदी ने यहां जनता मैदान में सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में परियोजनाओं की शुरुआत की। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं में पेयजल और सिंचाई, स्वास्थ्य अवसंरचना, ग्रामीण सड़कें और पुल, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे अवसंरचना शामिल हैं। मोदी ने सोनपुर-पुरानाकटक रेलवे लाइन का उद्घाटन करने के बाद बौध जिले के लिए पहली यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने सरला-सासन के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन और झारसुगुड़ा-जामगा के बीच चौथी रेल लाइन जैसी रेलवे परियोजनाओं को भी शुरू किया। इसके अलावा, मोदी ने पर्यावरण अनुकूल शहरी परिवहन को बढ़ावा देने के लिए राजधानी क्षेत्र शहरी परिवहन (सीआरयूटी) प्रणाली के तहत 100 इलेक्ट्रिक बसों को भी हरी झंडी दिखाई।
‘ओडिशा दृष्टि दस्तावेज’ में बड़ा लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने ‘ओडिशा दृष्टि दस्तावेज’ का अनावरण किया, जिसे लोगों के जवाब के बाद तैयार किया है। इसमें 2036 में भाषाई राज्य के रूप में ओडिशा के गठन की शताब्दी और 2047 में भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने के मद्देनजर राज्य के विकास लक्ष्यों का खाका है। इस दृष्टि दस्तावेज का लक्ष्य ओडिशा को 2036 तक 500 अरब डॉलर और 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है।
‘बारापुत्र ऐतिहासिक ग्राम योजना’ की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने ‘बरपुत्र ऐतिहासिक ग्राम योजना’ की भी शुरुआत की जो ओडिया महापुरुषों के जन्मस्थानों को स्मारकों में बदलने की पहल है। इससे सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और विरासत को संरक्षित किया जा सकेगा।
‘‘लखपति दीदी’’ को किया सम्मानित
मोदी ने कुछ ‘‘लखपति दीदी’’ समेत राज्य भर की कुछ सफल महिलाओं को भी सम्मानित किया। ‘लखपति दीदी’ ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक पहल है, जो स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। इसका लक्ष्य स्थायी आजीविका प्रथाओं को अपनाकर उन्हें एक लाख रुपये से अधिक की वार्षिक घरेलू आय प्राप्त करने में मदद करना है। देश में 16.60 लाख ‘लखपति दीदी’ बनाने के मामले में राज्य शीर्ष पर है।