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टैक्स चोरी के मामलों की तेज हुई जांच
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करीब 20 टीमें सक्रिय रूप से छापे की कार्रवाई में जुटीं
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में हलचल मचाते हुए आयकर विभाग ने गुरुवार को राज्य के पूर्व मंत्री और बीजद नेता रहे दिवंगत नव किशोर दास से जुड़े 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई को आयकर चोरी के गंभीर आरोपों के आधार पर अंजाम दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, झारसुगुड़ा, संबलपुर और नई दिल्ली स्थित दिवंगत नेता के आवास, कार्यालय और उनसे जुड़े करीबियों के परिसरों पर एक साथ यह छापेमारी की गई। इस समन्वित अभियान के तहत आयकर विभाग की करीब 20 टीमें सक्रिय रूप से छापे की कार्रवाई में जुटीं।
निवास से महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्य मिले
विशेष रूप से झारसुगुड़ा में नव दास के निवास पर दो अलग-अलग टीमों द्वारा छापा मारा गया। अधिकारियों ने वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों को जब्त किया है। सूत्रों का कहना है कि इन दस्तावेजों के आधार पर न केवल कर चोरी की राशि का अनुमान लगाया जाएगा, बल्कि अन्य वित्तीय अनियमितताओं की भी जांच की जाएगी।
पहले से ही उठे थे कई तरह के सवाल
यह छापेमारी ऐसे समय में हो रही है जब नव दास की हत्या के बाद से उनकी संपत्ति और व्यावसायिक लेन-देन पर पहले से ही कई तरह के सवाल उठते रहे हैं। नव दास कभी कांग्रेस पार्टी में थे, बाद में बीजू जनता दल में शामिल हुए और राज्य के सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में गिने जाते थे। उनकी छवि एक शक्तिशाली और रसूखदार नेता की रही है, जिनकी हत्या ने राज्य की राजनीति में सनसनी फैला दी थी।
जनवरी में उनके भाई के ठिकानों पर पड़े थे छापे
आयकर विभाग की यह कार्रवाई सिर्फ नव दास तक सीमित नहीं रही। इससे पहले इस साल जनवरी में भी आयकर अधिकारियों ने संबलपुर में उनके भाई ब्रजकिशोर दास के ठिकानों पर छापे मारे थे, जो एक सुपर क्लास ठेकेदार हैं। उन छापों के दौरान भी कई संपत्ति दस्तावेज और आर्थिक गतिविधियों से जुड़े रिकॉर्ड्स जब्त किए गए थे।
इस बार की कार्रवाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। विपक्ष ने जहां इसे देरी से की गई, लेकिन जरूरी कार्रवाई बताया, वहीं बीजद खेमे में इसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जब्त दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की जांच शुरू
फिलहाल, आयकर विभाग की टीमें जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि दिवंगत मंत्री और उनके परिजनों के खिलाफ कितनी आर्थिक अनियमितताएं और टैक्स चोरी के मामले बनते हैं। जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।