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सिक्किम से इतिश्री जेना की दो बहनें और दो भतीजियां ओडिशा लौटीं

  • भाजपा नेत्री समेत लापता आठ लोगों का अभी तक पता नहीं

  • सभी के बचने की संभावना कम

  • सिक्किम हादसे की दहशतभरी कहानी सुनाई भाजपा नेत्री की बहन ने

भुवनेश्वर। सिक्किम हादसे के पांच दिन बाद ओडिशा भाजपा महिला मोर्चा की सचिव इतिश्री जेना की दो बहनें और दो भतीजियां सोमवार को ओडिशा लौटीं। यह परिवार 29 मई को उस समय हादसे का शिकार हुआ था, जब उनकी एसयूवी लाचेन-लाचुंग मार्ग पर तीस्ता नदी में गिर गई थी। हादसे में आठ लोग लापता हो गए, जिनमें इतिश्री जेना भी शामिल हैं।

जाजपुर रोड स्टेशन पहुंचने के बाद इतिश्री की बड़ी बहन मंजुलता देव ने मीडिया से बातचीत में हादसे की रौंगटे खड़े कर देने वाली कहानी साझा की।

अंधेरे में अचानक गायब हो गई गाड़ी

मंजुलता ने बताया कि हम कुल 11 लोग छुट्टी मनाने सिक्किम गए थे। शाम छह बजे बारिश शुरू हो गई थी, जिस कारण कुछ पर्यटक वहां रुकना चाहते थे, लेकिन होटल मालिक ने एक दिन का पैकेज होने के कारण रुकने नहीं दिया। इसके बाद हम दो गाड़ियों में रवाना हुए। हमारी गाड़ी आगे थी और पीछे वाली गाड़ी में इतिश्री दीदी और अन्य लोग थे। हम पीछे से उनकी गाड़ी की हेडलाइट देख पा रहे थे। करीब एक किलोमीटर चलने के बाद ड्राइवर ने पीछे देखा तो सब अंधेरा था, गाड़ी कहीं नहीं दिख रही थी। हमने गाड़ी रोककर पीछे जाकर ढूंढ़ा लेकिन कुछ नहीं मिला।

गाड़ी 1000 फीट गहरी खाई में गिरी

हादसा मुनसिथांग क्षेत्र में हुआ, जहां वाहन करीब 1000 फीट गहरी खाई में गिरकर तीस्ता नदी में समा गया। हादसे में इतिश्री जेना, उनके बड़े बेटे साहिल जेना (21), भाई अजीत कुमार नायक (45) और भाभी सुनीता नायक (42) लापता हैं।

वहीं उनके छोटे बेटे सैराज जेना और भांजे स्वयम सुप्रतीम नायक को गंभीर हालत में गंगटोक के एसटीएनएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

दो पर्स और छह मोबाइल मिले

परिवार ने बताया कि बच्चों ने बताया कि उन्हें नदी के पास से रेस्क्यू किया गया। घटनास्थल से दो पर्स और छह मोबाइल फोन बरामद हुए हैं, लेकिन अन्य किसी का कोई पता नहीं चल सका है।

बचने की संभावना कम

दरअसर घटना के पांच दिन बीत चुके हैं, ऐसी स्थिति में लापता लोगों के बचे होने की संभावना कम है। बताया जाता है कि तीस्ता नदी में इस समय काफी उफान है और तेज बहाव भी। चूंकी यह नदी पहाड़ी क्षेत्रों के निकल कर मैदानी क्षेत्रों में आती है, इस कारण इसमें जल का प्रवाह काफी तेज होता है। साथ ही इस नदी का पानी बांग्लादेश तक जाता है। ऐसी स्थिति में पथरीली रास्ते से गुजरने वाली नदी में लापता लोगों के बचे होने की संभावना काफी कम बतायी जा रही है।

राज्य सरकार की मदद, खोजबीन जारी

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के निर्देश पर एक विशेष टीम को सिक्किम भेजा गया है, जो लगातार स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्य में लगी है। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ लगातार संपर्क में है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।

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