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सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
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सेवक पर मिलीभगत का शक
पुरी। ओडिशा के प्रसिद्ध श्रीजगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। 30 मई को सोशल मीडिया पर एक नया ड्रोन वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें मंदिर की छत पर एक सेवायत को झंडा बांधते और ड्रोन की ओर नमस्कार करते हुए देखा गया है। वीडियो को फेसबुक पर स्टोरी बाई नारू गोपाल नामक अकाउंट से अपलोड किया गया, जो पश्चिम बंगाल के नवद्वीप मायापुर क्षेत्र से जुड़ा है।
वीडियो में दिख रहा है कि सेवायत न केवल मंदिर की छत पर कार्य कर रहा है, बल्कि ड्रोन को देखकर जानबूझकर ‘नमस्कार’ भी करता है, जिससे यह संदेह गहराया है कि वीडियो उसकी सहमति से ही रिकॉर्ड किया गया हो सकता है। यह स्पष्ट उल्लंघन है, क्योंकि मेघनाद पाचरी और नीलचक्र क्षेत्र के ऊपर ड्रोन उड़ाने पर सख्त प्रतिबंध है।
नीलचक्र के पास उड़ता दिखा ड्रोन
वायरल वीडियो में मंदिर के सबसे पवित्र हिस्से, नीलचक्र के पास ड्रोन को उड़ते देखा जा सकता है। वीडियो में सेवक को झंडा बांधते हुए भी दिखाया गया है। यह वीडियो नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा दोनों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
मंदिर प्रशासन और पुलिस गंभीर
मामले को गंभीरता से लेते हुए श्रीमंदिर प्रशासन और पुरी पुलिस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। जांच शुरू कर दी गई है और ड्रोन संचालक की पहचान की जा रही है।
राज्य सरकार सक्रिय, एंटी-ड्रोन तकनीक पर विचार
ओडिशा सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए श्रीमंदिर क्षेत्र में एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को कहा कि यह मौजूदा ड्रोन प्रतिबंधों का गंभीर उल्लंघन है। अब समय आ गया है कि श्रीमंदिर की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई जाए।
उन्होंने बताया कि मंदिर प्रशासन इस तकनीक की लागत वहन करेगा और ओडिशा पुलिस को इसका संचालन सौंपा जाएगा। एंटी-ड्रोन सिस्टम अनधिकृत ड्रोन को पहचानकर निष्क्रिय करेगा।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब श्रीमंदिर की सुरक्षा में सेंध लगी हो। 5 जनवरी को सुबह 4:10 बजे डोलमंडप साही की दिशा से एक ड्रोन उड़ता देखा गया था। इसी तरह 28 जनवरी को भी लगभग 25 मिनट तक एक ड्रोन मंदिर के प्रतिबंधित क्षेत्र में मंडराता रहा। पुलिस ने तब भी मामला दर्ज किया था।
भक्तों में आक्रोश
इस घटना से भक्तों और स्थानीय लोगों में नाराजगी है। उन्होंने सवाल उठाए हैं कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद ड्रोन मंदिर परिसर में कैसे उड़ सका। लोग मांग कर रहे हैं कि नो-फ्लाई ज़ोन के नियमों को सख्ती से लागू किया जाए और दोषियों को सजा दी जाए।
शीघ्र हो सकती है उच्च स्तरीय बैठक
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार मंदिर प्रशासन, पुलिस और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने जा रही है। बैठक में एंटी-ड्रोन तकनीक, डिजिटल निगरानी और कड़े सुरक्षा उपायों पर निर्णय लिए जा सकते हैं।