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मुख्यमंत्री ने जताया शोक व 30 लाख की सहायता की घोषणा
भुवनेश्वर। ओडिशा के ढेंकानाल जिले के हिंदोल वन क्षेत्र में शिकारियों द्वारा की गई गोलीबारी में एक बहादुर वनरक्षक प्रह्लाद प्रधान की मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना शनिवार तड़के लगभग 3 बजे उस समय हुई जब प्रधान अपनी 13 सदस्यीय वनकर्मी टीम के साथ नियमित गश्ती पर थे।
बताया गया है कि राजमोहनपुर जंगल के समीप जैसे ही गश्ती दल आगे बढ़ा, अचानक शिकारियों ने उन पर गोलियां चला दीं। इस हमले में 37 वर्षीय प्रह्लाद प्रधान के पेट में गोली लग गई। उन्हें तत्काल हिंदोल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद अनुगूल जिला मुख्यालय अस्पताल भेजा गया। दुर्भाग्यवश, वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
विस्तृत जांच करने के निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत वनरक्षक के परिवार को 30 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वनकर्मियों की सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस घटना को अत्यंत गंभीर बताते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक को मौके पर जाकर स्थिति की समीक्षा करने और विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए हैं।
चार शिकारी गिरफ्तार, हथियार बरामद
घटना के तुरंत बाद गश्ती दल ने साहस का परिचय देते हुए चार शिकारियों को पकड़ लिया, जबकि कुछ अन्य भागने में सफल रहे। गिरफ्तार आरोपियों के पास से कई आग्नेयास्त्र भी बरामद किए गए हैं। पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम उनसे गहन पूछताछ कर रही है ताकि पूरे शिकार गिरोह का भंडाफोड़ किया जा सके।
ढेंकानाल के वन संरक्षक सुमित कुमार कर ने बताया कि यह हमला उस समय हुआ जब हमारी टीम नियमित छापामारी कर रही थी। प्रह्लाद प्रधान को गोली लगने के बाद तत्काल अस्पताल ले जाया गया, परंतु उन्हें बचाया नहीं जा सका। हमने चार आरोपियों को पकड़ा है और अन्य की तलाश जारी है।
वन्यजीव संरक्षण में बढ़ती चुनौतियां
यह घटना राज्य में वन्यजीवों की रक्षा कर रहे कर्मचारियों के सामने मौजूद गंभीर खतरों की एक कड़ी याद दिलाती है। वन्यजीव तस्करी और अवैध शिकार जैसी गतिविधियाँ लगातार वन कर्मियों के जीवन को संकट में डाल रही हैं। इस घटना ने न केवल वन विभाग बल्कि समूचे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।
तलाश अभियान जारी
फरार आरोपियों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस और वन विभाग की टीमें संयुक्त रूप से इलाके की छानबीन कर रही हैं और जंगलों में गश्त बढ़ा दी गई है।