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पुलिस बनी रही मूकदर्शक
बलांगीर। बलांगीर जिले के पूईंतला थाना क्षेत्र के बिलेईसरडा गांव में एक विवाहित गर्भवती महिला को ग्रामीणों की कथित कंगारू कोर्ट के दबाव में उसके पूर्व प्रेमी से विवाह करवाने का मामला सामने आया है। इस घटनाक्रम को लेकर पुलिस की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बताया गया है कि बिलेईसरडा गांव के सुधीर बाग ने अप्रैल 2024 में एक युवती से विधिवत विवाह किया था। अगले वर्ष युवती गर्भवती हुई और तभी डूंगुरीपाली, सोनपुर जिले का निवासी उसका पूर्व प्रेमी आलोक सलमा दोबारा उसके जीवन में लौट आया। बताया गया कि दोनों के बीच बातचीत जारी थी, जिसे लेकर सुधीर ने अपनी पत्नी को कई बार मना किया था।
गांव की जन अदालत का ‘फैसला’
पुराने प्रेम प्रसंग का पता चलने पर गांव के बुजुर्गों ने गैरकानूनी पंचायत बुलाई। पंचायत ने यह फ़ैसला सुनाया कि युवती को अपने पूर्व प्रेमी आलोक से दोबारा विवाह करना होगा। पंचायत के आदेश के अनुसार गांव के मंदिर में जबरन विवाह की रस्में पूरी कराई गईं। इस दौरान आलोक की पिटाई भी की गई।
शादी के समय पुलिस की मौजूदगी लेकिन चुप्पी
ग्राम पंचायत के सरपंच सुशांत छत्रिया ने मीडिया को दिये बयान में कहा है कि मंदिर में विवाह की जानकारी पुलिस को पहले ही दे दी गई थी और विवाह के समय पुलिस कर्मी भी मौके पर मौजूद थे। बावजूद इसके पुलिस ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। मंदिर के पुजारी नंद किशोर पंडा ने कहा कि सभी की सहमति के बाद मंदिर में विवाह कराया गया।
पीड़ितों की आपबीती
आलोक सलमा ने कहा कि गांव की जन अदालत ने जबरन हम पर विवाह थोप दिया। पुलिस सब देखती रही, लेकिन कुछ नहीं कहा। वहीं महिला ने कहा कि गांववालों ने हमें जबरदस्ती विवाह कराया। मुझे न्याय चाहिए।
हालांकि बलांगीर सदर पुलिस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी, जिससे मामले की गंभीरता और गहराई से जांच को लेकर संदेह और चिंता बनी हुई है।