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कहा- केन्द्र सरकार ने 15 अगस्त व राज्य सरकार ने 31 जुलाई तक शिक्षण संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की थी
भुवनेश्वर. कोविद-19 के कारण बंद महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों को गत 17 जून से खोले जाने के राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के निर्णय का शैक्षिक महासंघ ने विरोध करने के साथ-साथ इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है. महासंघ के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य डा नारायण मोहंती ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 15 अगस्त व राज्य सरकार ने 31 जुलाई तक शिक्षण संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की थी, लेकिन इसे पूर्ण रुप से उल्लंघन कर उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों को खोला गया है. विभाग के निर्णय के अनुसार, छात्र-छात्राएं शिक्षण संस्थानों में नहीं आयेंगे तथा पढ़ाई नहीं होगी, लेकिन अध्यापक व कर्मचारी कालेज व विश्वविद्यालयों में उपस्थित रहेंगे.
अध्यापक शिक्षण संस्थानों में आकर क्या करेंगे, इस बारे में उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सभी महाविद्यालयों में स्टाफ कामन रुम छोटा है और वहां सामाजिक दूरी बनाकर बैठना संभव नहीं है. राज्य में बस सेवा भी स्वाभविक नहीं हुई है. इस कारण अध्यापकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य में महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों में अध्यापक व कर्मचारियों की संख्या कम नहीं है. इस कारण राज्य सरकार का उच्च शिक्षा विभाग इस निर्णय पर पुनर्विचार करे.