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कोर्ट ने कहा- पितृत्व के रिश्ते को किया शर्मसार
बरगड़। 12 वर्षीय नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले एक पिता को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला बरगढ़ के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष पॉस्को न्यायाधीश ने सोमवार को सुनाया। कोर्ट ने इस कृत्य को ‘निर्मम’ बताते हुए कहा कि यह न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि पितृत्व जैसे पवित्र रिश्ते के साथ सबसे बड़ी विश्वासघात है।
अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी करार दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि पीड़िता को पुनर्वास और मानसिक सहयोग के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा पीड़ित मुआवज़ा कोष से प्रदान किया जाए।
यह मामला 22 फरवरी 2020 को बरगड़ टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था, जब नाबालिग बच्ची ने अपने रिश्तेदारों को आपबीती सुनाई। बच्ची की शिकायत पर तत्काल प्रभाव से पुलिस ने उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया।
मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट ने अभियोजन पक्ष को मजबूती दी। बच्ची ने लगातार एक जैसे बयान दिए जिससे कोर्ट को आरोपी की दोषसिद्धि में कोई संदेह नहीं रहा।
विशेष लोक अभियोजक डी आचार्य ने बताया कि आरोपी गणेश के खिलाफ टाउन पुलिस ने पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। जांच के बाद आरोप तय किए गए और सुनवाई के दौरान सभी सबूतों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी ठहराया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एक पिता द्वारा अपनी ही बेटी के साथ किया गया यह क्रूर अपराध समाज में गहरी चोट पहुंचाता है। ऐसे मामलों में सबसे कठोर सजा जरूरी है।