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कृषि विभाग ने चार निगमों के साथ किए अहम समझौते
भुवनेश्वर। किसानों की आय वृद्धि और कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए ओडिशा सरकार के कृषि एवं कृषक सशक्तिकरण विभाग ने आज चार प्रमुख राज्य स्तरीय निगमों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह कार्यक्रम भुवनेश्वर स्थित लोक सेवा भवन में आयोजित किया गया, जहां माननीय उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री कनक वर्धन सिंहदेव की गरिमामयी उपस्थिति रही।
जिन निगमों के साथ यह समझौते किए गए, उनमें ओडिशा एग्रो-इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन (ओएआईसी), एग्रीकल्चर प्रमोशन एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एपिकॉल), ओडिशा स्टेट सीड्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओएसएससी) और ओडिशा स्टेट काजू विकास निगम लिमिटेड (ओएससीडीसीएल) शामिल हैं।
इस मौके पर सिंहदेव ने बीते वर्ष में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर ओएआईसी और एपिकॉल के प्रबंध निदेशकों को सम्मानित किया और प्रशंसा पत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग ने 2024-25 में 94.7 प्रतिशत बजट का उपयोग करते हुए राज्य के सभी विभागों में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि हम किसानों की उन्नति और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में निगमों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है और हम इसी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में व्यापक योजनाएं
समझौते के अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में व्यापक योजनाएं बनाई गई हैं। ओएआईसी इस वर्ष 45,000 टन उर्वरक, जैविक खाद और कीटनाशक खरीदेगा और 7,000 ट्रैक्टर, 1,000 पावर टिलर तथा सिंचाई और जल प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न मशीनरी उपलब्ध कराएगा। निर्माण कार्यों सहित कुल टर्नओवर का लक्ष्य 1,000 करोड़ रुपये रखा गया है।
बीज आपूर्ति तंत्र को सुदृढ़ होगा
ओएसएससी के साथ हुए समझौते के तहत बीज आपूर्ति तंत्र को सुदृढ़ किया जाएगा। किसानों को प्रमाणित और उन्नत किस्म के बीज समय पर उपलब्ध हों, इसके लिए विभाग और निगम मिलकर राज्य भर में जागरूकता अभियान चलाएंगे। इसका टर्नओवर लक्ष्य 56 करोड़ रुपये तय किया गया है।
6,500 नए कृषि उद्यमों की स्थापना होगी
एपिकॉल राज्य में 6,500 नए कृषि उद्यमों की स्थापना करेगा और किसानों को कुल 250 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, जिसमें से 200 करोड़ ‘मुख्यमंत्री कृषि उद्यम योजना’ और 50 करोड़ कोल्ड स्टोरेज सहायता योजना के अंतर्गत आएंगे।
500 हेक्टेयर भूमि पर हाइब्रिड काजू का पुनः रोपण होगा
वहीं, काजू उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ओएससीडीसीएल द्वारा 500 हेक्टेयर भूमि पर हाइब्रिड काजू का पुनः रोपण किया जाएगा और 1,336 हेक्टेयर क्षेत्र में काजू वृक्षों का रखरखाव किया जाएगा। निगम द्वारा 35 लाख हाइब्रिड काजू ग्राफ्ट्स के उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है।
कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर
इस अवसर पर कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ अरविंद कुमार पाढ़ी, कृषि निदेशक शुभम सक्सेना, उद्यान निदेशक निखिल पवन कल्याण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। यह समझौता प्रदेश के किसानों के लिए न केवल तकनीकी और वित्तीय सहयोग को सुनिश्चित करेगा, बल्कि ओडिशा को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।