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रथयात्रा को लेकर सरकार का विरोध शुरू, बैनर फूंके

  • श्रीमंदिर प्रबंधन समिति की शीघ्र होगी बैठक

  • शंकराचार्य से लेगी परामर्श

प्रमोद कुमार प्रुष्टि, पुरी

विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा बंद होने के आदेश आने के बाद यहां श्री क्षेत्र सुरक्षा वाहिनी, श्री जगन्नाथ सेना की तरफ से रथ निर्माण स्थल के पास मुख्य रास्ते पर विरोध प्रदर्शन किया गया. फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पथावरोध किया और बैनर फूंके गये. इस लोगों ने रथयात्रा आयोजन करने की मांग कर रहे थे.

गजपति महाराज तथा श्रीजगन्नाथजी के आद्य सेवक दिव्य सिंहदेव ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद प्रतिक्रिया में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना ही होगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्रीमंदिर प्रबंधन समिति की जल्द ही इस मामले को लेकर बैठक होगी कि आगे कैसे क्या होगा.

बैठक से पूर्व श्रीमंदिर प्रबंधन समिति जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से परामर्श लेगी कि इस फैसले के बाद रथयात्रा की जगह कौन सी नीति की जायेगी. इसके बाद मंथन के बाद ही स्पष्ट होगा कि श्रीमंदिर प्रबंधन समिति कौन सा कदम उठायेगा.

शंकराचार्य का यह था मत

तीन दिन पूर्व पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की वार्षिक रथयात्रा को लेकर मंडरा रहे अनिश्चितता के बादल के बीच पुरी के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था कि यात्रा को श्रीमंदिर की परंपरा के अनुसार आयोजित किया जाना चाहिए. यह यात्रा भक्तों के बिना निकाली जा सकती है. साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इस दौरान कोविद-19 के नियमों का उल्लंघन नहीं हो. उन्होंने कहा था कि या तो इस यात्रा की सभी रस्में मंदिर परिसर के अंदर आयोजित करें या तीनों मूर्तियों के साथ हमेशा की तरह बाहर ले जायें, लेकिन परंपरा को बचाये रखने के लिए रथयात्रा निकालना सुनिश्चित करना होगा. परंपरा को बचाने के साथ-साथ भक्तों की जीवन के रक्षा भी जरूरी है, इसलिए कोविद-19 के नियमों का पालन करना होगा.

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