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प्रशांत सतपथी को सलाम, ओडिशा ने दी राजकीय विदाई

  • मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गांव पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

  • परिवार को 20 लाख की सहायता, पत्नी को नौकरी और पुत्र की शिक्षा की जिम्मेदारी ली

भुवनेश्वर/बालेश्वर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मृत ओडिशा के लाल प्रशांत कुमार सतपथी को गुरुवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बालेश्वर जिले के ईशानी गांव में शोक और गर्व के मिश्रित माहौल में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी स्वयं पहुंचे और शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्य सरकार ने सतपथी के परिवार को 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, पत्नी को सरकारी नौकरी और उनके पुत्र की शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेने की घोषणा की।

इससे पहले बुधवार मध्य रात्रि 12.40 बजे जैसे ही उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से श्रीनगर होते हुए दिल्ली से भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया, राज्य में माहौल गमगीन हो गया। “भारत माता की जय” और “प्रशांत सतपथी अमर रहें” के नारों के बीच शहीद को श्रद्धा और सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

43 वर्षीय प्रशांत सतपथी बालेश्वर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) में अकाउंट्स असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे। वे उन 26 पीड़ितों में शामिल थे, जो पहलगाम में हुए आतंकवादी गोलीबारी में मारे गए।

भुवनेश्वर में उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल, पीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास और ओडिशा पुलिस के महानिदेशक वाईबी खुरानिया भी हवाई अड्डे पर मौजूद थे।

बुधवार रात करीब 1.30 बजे उनका पार्थिव शरीर एंबुलेंस बालेश्वर भेजा गया और गुरुवार की सुबह उनकी अंतिम यात्रा बालेश्वर जिले के रेमुणा ब्लॉक अंतर्गत ईशानी गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ निकाली गई। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी स्वयं गांव पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने मौके पर घोषणा की कि राज्य सरकार प्रशांत सतपथी के परिवार को 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेगी, उनकी पत्नी प्रियदर्शनी को सरकारी नौकरी दी जाएगी और पुत्र तनुज की शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

अंतिम संस्कार में शामिल हुए सैकड़ों लोग

अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सैकड़ों लोग एकत्रित हुए। पूरा गांव शोक में डूबा रहा, लेकिन गौरव और गर्व के साथ बेटे को अंतिम विदाई दी गई। प्रशांत सतपथी की पत्नी प्रियदर्शनी, पुत्र तनुज, छोटे भाई जयंत और अन्य परिजन, मनोरंजन और रत्नश्री मोहंती इस दुखद विदाई में साथ रहे।

पूरी गरिमा के दी गई विदाई

जिला प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार की सभी व्यवस्थाएं पूरी गरिमा के साथ की गईं। ग्रामीणों ने भी एकजुट होकर परिवार के साथ संवेदना जताई और पूरी गरिमा के साथ अंतिम विदाई दी।

इस अमानवीय हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन शहीद प्रशांत सतपथी की बलिदान गाथा हमेशा देशवासियों के दिलों में जीवित रहेगी।

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