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मालिकों के संगठन ने तीन प्रसिद्ध कलाकारों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी
भुवनेश्वर। ओडिशा की पारंपरिक जात्रा दुनिया इन दिनों एक बड़े विवाद से जूझ रही है। जात्रा पार्टी मालिकों के संगठन ने प्रसिद्ध कलाकारों नारी पंडा, प्रताप मोहंती और बापी पंडा के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिससे ‘बहिष्कार’ की हवा तेज़ हो गई है।
ओडिशा की जात्रा इंडस्ट्री में ‘बहिष्कार’ को लेकर विवाद गहरा गया है। जात्रा पार्टी मालिकों की संघठन की ओर से जानीमानी जात्रा हस्तियों जैसे नारी पंडा, प्रताप मोहंती और बापी पंडा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इन कलाकारों ने विरोध जताया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बापी पंडा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर कलाकारों के साथ न्याय नहीं किया गया तो ओडिशा की कई जात्रा पार्टियां बंद हो सकती हैं।
हाल ही में जात्रा पार्टी मालिक द्वारा एक श्रमिक प्रबंधक के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया, जिससे पूरी जात्रा इंडस्ट्री में असंतोष फैल गया। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह विवाद सुलझता नहीं है तो ओडिशा की जात्रा इंडस्ट्री की सततता पर गंभीर असर पड़ेगा। आलोचक इसे ‘मुंह खोलने पर सिर कटेगा’ जैसी स्थिति से जोड़ते हैं, जो पहले नारी पंडा और प्रताप मोहंती के साथ हुआ था।
अन्याय के खिलाफ बोलना पड़ेगा – बापी पंडा
बापी पंडा ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह कलाकारों के लिए हो रहे अन्याय का विरोध कर रहे हैं और अगर यह जारी रहा तो जात्रा पार्टियों को बंद होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि जैसा नारी पंडा और प्रताप मोहंती के साथ हुआ, वैसा ही मेरे साथ भी हो सकता है, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।
20 लाख रुपये की गड़बड़ी का आरोप
जात्रा पार्टी मालिक हेमेन्द्र बारिक ने एक बड़े जात्रा मालिक पर लेबर मैनेजर के 20–21 लाख रुपये रोकने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कई कलाकारों को भी मेहनताना नहीं मिल रहा। उन्होंने सवाल किया कि कलाकार आखिर खाएंगे क्या?
जात्रा क्षेत्र संकट में
कारण चाहे जो हो, जात्रा इंडस्ट्री में चल रहे इन विवादों ने ओडिशा के जात्रा क्षेत्र को संकट में डाल दिया है। इन मुद्दों पर अभी तक संबंधित पक्षों और संघटनों से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन यह विवाद बढ़ता जा रहा है। कई जात्रा आयोजकों और कलाकारों का मानना है कि इस विवाद का समाधान होना जरूरी है, क्योंकि बिना इसके कोई भी पक्ष लाभ में नहीं रह सकता।