Sat. Apr 19th, 2025
NITIN अमेरिकी मानकों के अनुरूप होंगे ओडिशा के राजमार्ग : नितिन गडकरी
  • राज्य को मिला 19 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का सौगात

  • केंद्रीय मंत्री ने 4000 करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

  • वर्तमान में 2 लाख करोड़ से अधिक की सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रगति पर

भुवनेश्वर। ओडिशा को गुरुवार को सड़क एवं राजमार्ग विकास की दिशा में एक बड़ी सौगात मिली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित बरमुंडा में आयोजित एक भव्य समारोह में राज्य के लिए कुल 19 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 4000 करोड़ रुपये आंकी गई है।

नितिन गडकरी ने बरमुंडा में सार्वजनिक संबोधन के दौरान ओडिशा के लिए केंद्र के महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचे के रोडमैप की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य के राजमार्ग जल्द ही गुणवत्ता और पैमाने में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजमार्गों से मेल खाएंगे।

सड़क संपर्क राष्ट्रीय विकास का आधार

भगवान जगन्नाथ की भूमि पर आने के लिए आभार व्यक्त करने वाले गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि सड़क संपर्क राष्ट्रीय विकास का आधार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ओडिशा में वर्तमान में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रगति पर हैं।

कई बड़े एक्सप्रेस हाईवे की योजना

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमने कई बड़े एक्सप्रेस हाईवे की योजना बनाई है और उनमें से रायपुर-विशाखापट्टनम छह लेन का आर्थिक गलियारा है जो 464 किलोमीटर तक फैला है और इसकी लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये है, जिसके सितंबर 2026 में पूरा होने की उम्मीद है। ओडिशा में 8,000 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 241 किलोमीटर का गलियारा दिसंबर 2025 में पूरा हो जाएगा। 8000 करोड़ रुपये की लागत से 150 किलोमीटर तक फैला रांची-संबलपुर चार लेन का गलियारा दिसंबर 2028 तक पूरा हो जाएगा। परियोजना के कारण रांची और संबलपुर के बीच की दूरी 65 किलोमीटर कम हो जाएगी। 5000 करोड़ रुपये की लागत से 262 किलोमीटर तक फैला कटक-अनुगूल-संबलपुर चार लेन का आर्थिक गलियारा जून 2025 तक पूरा हो जाएगा।

भुवनेश्वर रिंग रोड और चिल्का ब्रिज

उन्होंने कहा कि चंडीखोल-पारादीप आठ लेन का आर्थिक गलियारा 77 किलोमीटर लंबा और 4000 करोड़ रुपये की लागत से दिसंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा। इससे यात्रा का समय दो घंटे से घटकर एक घंटा रह जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य पूर्वी तट पर रसद दक्षता और आर्थिक संपर्क में भारी सुधार करना है। परियोजना के कारण पारादीप बंदरगाह के साथ औद्योगिक गलियारे की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। 6000 करोड़ रुपये की लागत से 200 किलोमीटर लंबे चंडीगढ़-बड़बिल छह लेन के ग्रीनफील्ड राजमार्ग का काम अगले साल शुरू होगा और परियोजना की डीपीआर पहले ही तैयार हो चुकी है। यह बड़बिल से स्टील और मैग्नीशियम के परिवहन के लिए बहुत उपयोगी होगा। भुवनेश्वर में छह लेन की रिंग रोड बनाई जाएगी और विभाग ने इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट में इसकी मंजूरी के बाद परियोजना को मंजूरी मिल जाएगी। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने 9000 करोड़ रुपये की लागत वाली 13 नई परियोजनाओं की मांग की है और इन परियोजनाओं को मंजूरी मिल गई है। जेके पेपर मिल, नाल्को, आईएमएफए और उत्कल एल्युमिनियम को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि 71 किलोमीटर लंबे देवगढ़-खैरापल्ली 2 लेन सड़क के लिए 472 करोड़ रुपये की लागत से निविदा प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी। कलाहांडी जिले में तेल नदी पर पुल के लिए निविदा प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी। पुल के कारण कलाहांडी और बलांनगीर के बीच संपर्क बेहतर होगा। सोनपुर में 9 किलोमीटर लंबे दो लेन सड़क के लिए डीपीआर पहले ही तैयार हो चुकी है और परियोजना का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। चिल्का झील पर 500 करोड़ रुपये की लागत से पुल के लिए डीपीआर जल्द ही पूरी हो जाएगी।

अब ओडिशा विकास की ओर बढ़ा

उन्होंने कहा कि पारादीप पोर्ट के लिए अनेक बार आने का अवसर मिला था। अब भाजपा की सरकार आने के बाद ओडिशा विकास और प्रगति की ओर बढ़ा है। राज्य का अगर विकास होना है कि विश्वस्तीय विकास करना होगा। उन्होंने बताया कि ये चार प्रकार के हैं- वाटर, पॉवर, ट्रांस्पोर्ट और कम्युनिकेशन। पर्यावारण का समतोल रखने वाले वाले वन हैं, वन्यजीव, खनिज संपत्ति और अच्छे पोर्ट हैं। इन सभी के कारण ओडिशा में पर्यटन को बल मिल सकता है। इन सभी क्षेत्रों में विकास करना है तो सड़क संरचना विकसित करना जरूरी है। 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद मोदी ने सुनिश्चित किया कि देश के विकास के लिए अच्छे संरचना का निर्माण करने की आवश्यकता है। और अब मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जितना 60 सालों में कार्य नहीं हुआ होगा, उतना 11 सालों में मोदी सरकार ने करके दिखा दिया है। इस दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी समेत कई मंत्री, सांसद, विधायक और आमजन उपस्थित रहे।

शिलान्यास और भूमि पूजन वाली परियोजनाएं

  • बनरपाल-गोदीबांधा पर 4-लेन राजमार्ग (एनएच-53 व 149, लम्बाई -17 किमी,लागत – 973 करोड़)
  • शिमिलिपाल टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बांगरीपोसी घाट पर 4 लेन राजमार्ग (एनएच -49, लम्बाई -10 किमी, लागत -135 करोड़)
  • 05 वेहिक्लर अंडरपास और 01 फ्लाईओवर का निमाण (एनएच -16,ला्बाई-7 किमी. लागत -115 करोड़़)
  • निर्गुण्डी में वेहिकुलर अंडरपास एवं छतिया में लाइट वेहिकुलर अंडरपास (एनएच -16, लम्बाई-2 किमी, लागत-35 करोड़)
  • सिंधारा बिंजाबहल खंड में एलीफैंट कॉरिडोर पर 4 लेन वायाडक्ट का निर्माण (एनएच-48, लम्बाई-2 किमी लागत 48 करोड़)
  • 03 वेहिकुलर अंडरपास और 01 फ्लाईओवर का निर्माण (एनएच -16, लम्बाई 5 किमी, लागत 80 करोड़)
  • पलासुनी में गंगुआ नाले पर अतिरिक्त 2 लेन पुल का निर्माण (एनएच -16, लम्बाई 1 किमी लागत 40 करोड़)
  • टिटिलागढ़ टाउन बाईपास (एनएच -50, लम्बाई-9 किमी लागत- 145 करोड़)
  • धर्मगढ़ टाउन बाईपास का निर्माण (एनएच -130सी, लम्बाई-8 किमी लागत-170 करोड़)
  • कलाहांडी जिले में रेत नदी पर पुल का निर्माण (एनएच -26, लम्बाई-2 किमी लागत-40 करोड़)
  • कलाहांडी जिले मे सगड़ा नदी पर पुल का निर्माण (एनएच -26, लम्बाई-3 किमी, लागत 40 करोड़)
  • मंगलपुर-कायांगोला-आरडी खंड का चौड़ीकरण (एनएच -20, लम्बाई-17 किमी, लागत 1375 करोड़
  • दारिंगबाड़ी घाट चौड़ीकरण (एनएच -59, लम्बाई-27 किभी लागत- 720 करोड़)
  • पुजारीपल्ली घाट – जरिमूली में महानदी पर पुल का निर्माण (लम्बाई-3 किमी, लागत 275 करोड़)
  • कलाहांडी जिले में बोरिया कुंडाबंध खंड में तेल नदी पर पुल का निर्माण (लम्बाई-1 किमी, लागत 60 करोड़)
  • कलाहांडी जिले में पौरकेला गॅसार खंड में तेल नदी पर पुल का निर्माण (लम्बाई-1 किमी, लागत-75 करोड़)
  • कलाहांडी जिले में खानिदंगिरीगुड़ा बन्कापाला खंड में हाती नदी पर पुल का निर्माण (लम्बाई-1 किमी, लागत- 25 करोड़)

लोकार्पण किए जाने वाली परियोजनाएं

  • तालचेर कामाख्यानगर पर 4-लेन राजमार्ग (एनएच 149 एवं 53, लम्बाई-41 किमी लागत – 800 करोड़)
  • बालिकुड़ा, शिखरपुर और बड़चना में वेहिकुलर अंडरपास का निर्माण (एनएच -16, लम्बाई-3 किमी, लागत 45 करोड़)

परियोजनाओं से होने वाले लाभ

  • बनरपाल-गोदीबंधा एवं तालचेर-कामाख्यानगर खंड के 4 लेन चौड़ीकरण से अनुगूल, तालचेर और दुबुरी की कनेक्टिविटी मे सुधार।
  • रेत, महानदी, तेल, हाती और सागड़ा नदियों पर 06 पुलों का निर्माण।
  • एनएच-49 के बांगरीपोसी घाट सेक्शन में 05 ईयूपी एवं 14 एयूपी के निर्माण से सुगम और सुरक्षित यात्रा तथा जंगली जानवरों को पार होने में सुविधा।
  • एनएच -16 के कटक से इच्छापुरम सेक्शन में 15 ब्लॉक स्पॉट का स्थायी सुधार।
  • टिटिलागढ़ एवं धर्मागढ़ बाईपास के निर्माण से शहर के अंदर ट्रैफिक जाम से राहत।
  • पलासुनी में गंगुआ नाले पर अतिरिक्त 2 लेन पुल से संपर्क हुआ आसान।
  • दारिंगबाड़ी पर्यटन स्थल से बेहतर संपर्क रोजगार का बढ़ावा।
Share this news