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ओडिशा के मंत्री मुकेश महालिंग अनुसूचित जाति के नहीं

  •  कांग्रेस नेताओं ने किया गंभीर दावा

  •  जाति प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़े का लगाया आरोप

  •  कहा-2002 में अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाण पत्र को धोखाधड़ी से प्राप्त किया

  •  पद से बर्खास्तगी और विधान सभा से अयोग्यता की मांग

भुवनेश्वर। कांग्रेस पार्टी ने ओडिशा के मंत्री मुकेश महालिंग पर जाति प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि मंत्री महालिंग ने 2002 में अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाण पत्र को धोखाधड़ी से प्राप्त किया, जबकि वे किसी अन्य समुदाय से संबंधित हैं।
कांग्रेस ने दावा किया कि स्कूल और कॉलेज शिक्षा के दौरान और नौकरी प्राप्त करते समय भी महालिंग ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। कांग्रेस ने इस मामले की तुरंत जांच की मांग करते हुए मंत्री पद से बर्खास्तगी और विधान सभा से अयोग्यता की मांग की है।
कांग्रेस नेता अभिषेक महानंद ने कहा कि मुकेश महालिंग जिस उपजाति से आते हैं, उसे 2002 में राष्ट्रपति आदेश के तहत शामिल किया गया था। फिर स्कूल, कॉलेज और नौकरी के दौरान महालिंग ने जाति प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त किया? हम तत्काल कार्रवाई और मंत्री पद से हटाने की मांग करते हैं।
आपराधिक कार्रवाई की मांग
विपक्षी पार्टी ने महालिंग के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की भी मांग की है, क्योंकि उन्होंने सरकारी दस्तावेजों में कथित रूप से फर्जीवाड़ा किया है।
मंत्री का टिप्पणी करने से इनकार
इन गंभीर आरोपों के बावजूद मंत्री मुकेश महालिंग ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
राजनीतिक गरमाई
इस विवादित आरोप ने राजनीतिक बहस को गर्मा दिया है। कांग्रेस ने सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि वे कानूनी और राजनीतिक लड़ाई जारी रखेंगे। वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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