भुवनेश्वर। संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में हाल ही में वृद्धि के बाद ओडिशा विधानसभा में सभी दलों के विधायकों ने एकजुट होकर अपने वेतन और पूर्व विधायकों की पेंशन में बढ़ोतरी की मांग उठाई है।
विधानसभा में आज शून्यकाल के दौरान मुख्य विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजेडी) की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महंगाई और चिकित्सा खर्च में भारी वृद्धि के कारण विधायकों के वेतन और पेंशन में संशोधन जरूरी हो गया है।
मल्लिक ने बताया कि इस मांग की समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने उडाला से भाजपा विधायक भास्कर मधेई की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और वेतन-पेंशन वृद्धि की सिफारिश की है।
बीजेडी नेता ने राज्य सरकार से समिति की सिफारिशों को तुरंत मंजूरी देने की मांग की और बताया कि अंतिम बार 2017 में विधायकों के वेतन में वृद्धि की गई थी।
विपक्ष के उप मुख्य सचेतक प्रताप केशरी देव ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि विधायकों को उनके कार्यों के अनुसार उचित वेतन मिलना चाहिए। उन्होंने भी समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग की।
वहीं, सत्ता पक्ष भाजपा ने भी इस मुद्दे पर बीजेडी का समर्थन किया। खलीकोट से भाजपा विधायक पूर्ण चंद्र सेठी, जो स्वयं एक पूर्व विधायक हैं, ने कहा कि कम पेंशन राशि के कारण कई पूर्व विधायक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक विधायक के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा केवल 10,000 से 30,000 रुपये में करना संभव नहीं है।
सेठी ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे सरकार को निर्देश दें कि मधेई समिति की सिफारिशों को जून माह से प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन में वृद्धि की घोषणा की है। संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों का मासिक वेतन ₹1 लाख से बढ़ाकर 1.24 लाख कर दिया गया है, जबकि दैनिक भत्ता 2,000 से बढ़ाकर 2,500 रूपये किया गया है।