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महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों की जांच के लिए हाउस पैनल गठन तक विरोध जारी रखेंगे कांग्रेस विधायक – काडाम
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने ऐलान किया कि जब तक स्पीकर महिलाओं और बच्चियों पर बढ़ते अत्याचारों की जांच के लिए हाउस कमेटी का गठन नहीं करती हैं, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
भुवनेश्वर में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की गई।
सीएलपी नेता रामचंद्र काडाम ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच ओडिशा में 44,824 महिलाएं और बच्चे लापता हुए हैं। काडाम समेत कम से कम 10 अन्य कांग्रेस विधायक इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोग गायब हैं। वहीं, नाबालिग स्कूल जाने वाली बच्चियों के गर्भवती होने की खबरें भी सामने आई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा सरकार के नौ महीने के कार्यकाल में महिलाओं पर अत्याचार के 1,800 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे यह साबित होता है कि राज्य में महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं।
कांग्रेस पार्टी 7 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण से ही इस मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है और 27 मार्च को विधानसभा घेराव करने की योजना बना रही है।
काडाम ने स्पीकर पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक तराप्रसाद बहिनिपति को सात दिनों के लिए निलंबित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वाहिनीपति के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। उन्हें अपमानित किया गया, उन पर हमला हुआ और निलंबित कर दिया गया। लेकिन भाजपा सरकार इस तरह हमारे विरोध को दबा नहीं सकती, हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के विरोध को कैमरों में कैद न करने के निर्देश दिए गए।
वरिष्ठ कांग्रेस विधायक बहिनिपति ने कहा कि विधानसभा किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है, यह ओडिशा की जनता की संपत्ति है। सत्तारूढ़ दल विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है।
हाउस कमेटी की मांग को लेकर बहिनिपति ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी दलों के सदस्यों वाली एक कमेटी उन इलाकों का दौरा करे जहां महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। यह कमेटी विशेषज्ञों से चर्चा कर जांच करे और अपनी रिपोर्ट के आधार पर दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कड़ा कानून बनाने की सिफारिश करे।
कांग्रेस का यह विरोध ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को उजागर करता है और यह दिखाता है कि पार्टी इस मुद्दे पर सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रतिबद्ध है।