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परिवार पर सीबीआई जांच की मांग नहीं करने के लिए बीजद बना रही दबाव
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भाजपा सांसद प्रदीप पुरोहित का आरोप
भुवनेश्वर। नव दास हत्याकांड को लेकर सीबीआई जांच की मांग पर ओडिशा में सियासत गरमा गई है। भाजपा सांसद प्रदीप पुरोहित ने रविवार को बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजू जनता दल (बीजद) दिवंगत मंत्री नव दास के परिवार पर दबाव बना रही है ताकि वे सीबीआई जांच की लिखित मांग न करें।
भाजपा सांसद प्रदीप पुरोहित के अनुसार, यदि नव दास के परिवार के सदस्य सीबीआई जांच की मांग को लेकर लिखित रूप से आवेदन देते हैं, तो बीजद के दो बड़े नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं, जिससे उन्हें गंभीर परेशानी हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजद, विशेष रूप से नव दास की बेटी दिपाली दास को सीबीआई जांच की मांग करने से रोक रही है और उन्हें विभिन्न तरह के आश्वासन देकर चुप रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
पुरोहित का दावा है कि इस दबाव के पीछे दो प्रमुख चेहरों के नाम छिपाने की मंशा है। पहला यह कि भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी, जो मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते हैं, और दूसरा बीजद का एक प्रभावशाली नेता।
पुरोहित ने कहा कि जो मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, वही नव दास की हत्या के पीछे थे। जिस तरह से एक कैबिनेट मंत्री की दिनदहाड़े हत्या की गई, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। परिवार ने तब समझौता कर लिया था। उस समय भाजपा ने कहा था कि साजिश रची गई थी और यह दिखाने की कोशिश की गई कि गोपाल दास ही दोषी हैं।
साजिश दबाने का आरोप
भाजपा नेता का कहना है कि बीजद ने इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की और साजिश की तह तक जाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोग जानना चाहते हैं कि वे कौन लोग थे जिन्होंने गोपाल दास का इस्तेमाल करके नव दास की हत्या करवाई। इस मामले की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
भाजपा सरकार की जांच की मांग
ओडिशा में भाजपा सरकार चाहती है कि नव दास हत्याकांड की गहराई से जांच हो और इसी कारण क्राइम ब्रांच ने दिपाली दास और उनके भाई विशाल दास को नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि हम विस्तृत जांच चाहते हैं और इसलिए क्राइम ब्रांच ने दिपाली और विशाल को नोटिस जारी किया है। नव दास की हत्या के बाद उनके परिवार ने दो कारणों से चुप्पी साधी, एक तो राजनीतिक महत्वाकांक्षा और दूसरा अपने साम्राज्य को बचाने के लिए। असली साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, लेकिन अब तक सीबीआई जांच की कोई लिखित मांग नहीं की गई है। अगर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया, तो बीजद के कुछ बड़े नेताओं की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
हालांकि, भाजपा नेता के इन आरोपों पर बीजद या दिपाली दास की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।