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इस योजना में एनपीसीआई की रही है अहम भूमिका
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लाभार्थियों तक सीधे धनराशि पहुंचाने में की सहायता
भुवनेश्वर। ओडिशा में मोहन माझी सरकार की सुभद्रा योजना में लाभार्थियों कुल संख्या 98 लाख के पार पहुंच गई है। 8 फरवरी 2025 को सुभद्रा योजना के चौथे चरण में 18 लाख नए लाभार्थियों के जुड़ने के साथ ही कुल लाभार्थियों की संख्या 98 लाख से अधिक हो गई। इस योजना में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की अहम भूमिका रही है, जिसने लाभार्थियों तक सीधे धनराशि पहुंचाने में सहायता की है।
एनपीसीआई ने विशेष रूप से पेमेंट रेडी लाभार्थियों की पहचान करने में मदद की है, जिनके खातों में भुगतान की असफलता की संभावना न के बराबर होती है।
योजना के तहत भुगतान प्राप्त करने के लिए पात्र लाभार्थियों को निम्नलिखित चार शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है:
1. लाभार्थी के पास एकल धारक बैंक खाता होना चाहिए।
2. यह खाता आधार नंबर से जुड़ा होना चाहिए।
3. खाता डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सक्षम होना चाहिए।
4. सुभद्रा पोर्टल पर बायोमेट्रिक पद्धति से ई-केवाईसी अनिवार्य है।
बैंक और जन सेवा केंद्र की भूमिका:
पहले तीन कार्य बैंक स्तर पर पूरे किए जा रहे हैं, जबकि चौथा कार्य जन सेवा केंद्र या मो सेवा केंद्र में किया जा रहा है। लाभार्थियों को बैंक और जन सेवा केंद्र या दोनों स्थानों पर जाकर इन प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा।
अधूरी प्रक्रियाओं वाले लाभार्थियों की संख्या:
वर्तमान में 2.5 लाख से अधिक पात्र लाभार्थी ऐसे पाए गए हैं जिनके खाते या तो डीबीटी सक्षम नहीं हैं, या उन्होंने सुभद्रा पोर्टल पर बायोमेट्रिक ई-केवाईसी नहीं कराई है, या केवल ओटीपी आधारित ई-केवाईसी की है। इन लाभार्थियों की सूची ब्लॉक, नगरपालिका और नगर निगम स्तर पर तथा सुभद्रा पोर्टल पर उपलब्ध है।
लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक निर्देश
सरकार की तरफ से कहा गया है कि जो लाभार्थी अभी तक योजना का लाभ नहीं प्राप्त कर सके हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे इस सूची को देखें। यदि उनका नाम सूची में है, तो वे अपने बैंक जाकर खाता डीबीटी सक्षम करवाएं या जन सेवा केंद्र अथवा मो सेवा केंद्र जाकर बायोमेट्रिक ई-केवाईसी कराएं।
जो लाभार्थी डीबीटी सक्षम हो जाएंगे और पोर्टल पर बायोमेट्रिक ई-केवाईसी पूरी कर लेंगे, उन्हें 8 मार्च से पहले पहली किस्त और 8 मार्च को दूसरी किस्त प्राप्त होगी।