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ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर जीवनस्तर सुधार तक कई पहल
भुवनेश्वर। ग्रामीण ओडिशा के समग्र विकास के लिए ओडिशा सरकार ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण योजना ‘बिकसित गांव, विकसित ओडिशा’ की शुरुआत की। यह एक व्यापक छत्र योजना है, जो राज्य के ग्रामीण इलाकों में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने, जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम करेगी।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की खामियों को दूर करना और समावेशी प्रगति को गति देना है। इसके तहत सतत विकास परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जो विविध प्रकार की आधारभूत संरचनाओं के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
कनेक्टिविटी होगी प्राथमिकता
योजना के तहत गांवों को जोड़ने के लिए सड़क, पुल और कल्वर्ट का निर्माण किया जाएगा। विशेष रूप से पीवीटीजी, नक्सल प्रभावित और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में इंटर और इंट्रा-विलेज रोड का विकास किया जाएगा।
सड़क सुधार कार्यों पर भी जोर
ग्रामीण इलाकों में सड़क सुधार परियोजनाएं आबादी घनत्व, आर्थिक गतिविधियों और भूगोलिक चुनौतियों के आधार पर तय की जाएंगी। ब्लैक टॉप रोड, सीमेंट कंक्रीट रोड और पावर ब्लॉक रोड का निर्माण भी किया जाएगा।
सामुदायिक परिसंपत्तियों का निर्माण
ग्रामीण इलाकों में कल्याण मंडप, सामुदायिक केंद्र, नहाने के घाट, बाजार शेड और जल निकासी प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। धार्मिक स्थलों के पास भोग मंडप, भगवता टुंगी और सांस्कृतिक केंद्र भी बनाए जाएंगे।
शिक्षा और खेल सुविधाओं का विकास
ब्लॉक मुख्यालयों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में आधुनिक पढ़ने के कमरे बनाए जाएंगे, जहां विद्यार्थियों को इंटरनेट और वॉशरूम जैसी सुविधाएं मिलेंगी। खेल सुविधाओं के तहत रस्सी चढ़ाई, लंबी कूद और अन्य गतिविधियों के लिए ढांचागत विकास होगा।
जल संरक्षण और पर्यटन विकास पर भी ध्यान
सामुदायिक तालाबों और जल संरक्षण संरचनाओं का पुनरुद्धार किया जाएगा। माइक्रो टूरिज्म स्पॉट्स का विकास भी इस योजना का हिस्सा होगा।
नए नवाचारों को मिलेगा प्रोत्साहन
परियोजनाओं के कुल बजट का 5% नए नवाचारों के लिए आरक्षित रहेगा। समुदाय के लिए उपयोगी नई परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
वित्तीय आवंटन और प्रबंधन
इस योजना के लिए धनराशि राज्य बजट से आवंटित की जाएगी। जिला परिषदों के माध्यम से ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर आबादी के आधार पर धन का वितरण होगा। कुल आवंटित राशि का 40% आईटीडीए ब्लॉकों के लिए आरक्षित किया गया है।
परियोजना चयन में भागीदारी
ग्राम सभाओं से शुरू होकर परियोजनाओं का चयन किया जाएगा। पांच वर्षीय दृष्टिकोण योजना के आधार पर वार्षिक कार्य योजना बनाई जाएगी, जिसे जिला कलेक्टर की स्वीकृति मिलेगी।
पारदर्शिता और निगरानी होगी सुनिश्चित
योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए वेब आधारित एमआईएस और मोबाइल ऐप से परियोजनाओं की वास्तविक समय निगरानी की जाएगी। परियोजनाओं के विभिन्न चरणों को जियो-टैग कर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
समाज की भागीदारी से होगी निगरानी
योजना के अंतर्गत बनाई गई सामुदायिक परिसंपत्तियों की देखभाल और गुणवत्ता की निगरानी के लिए समाज की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।
‘बिकसित गांव, विकसित ओडिशा’ योजना के माध्यम से ओडिशा सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के साथ एक मजबूत और आत्मनिर्भर राज्य का निर्माण करना है।