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विभिन्न गांवों से 92 लोग डायरिया से संक्रमित पाए गए
पुरी। जिले के कणा क्षेत्र में डायरिया के प्रकोप की खबर सामने आई है, जिसमें प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक विभिन्न गांवों से 92 लोग डायरिया से संक्रमित पाए गए हैं और इस प्रकोप से 4 मौतें भी हुई हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संक्रमण का स्रोत दया नदी का प्रदूषित पानी है, जिसे क्षेत्र में डायरिया फैलने का कारण बताया जा रहा है। यह बीमारी कई गांवों में फैल चुकी है, जिनमें गडिसागड़ा, गोपीनाथपुर, न्यूगांव शामिल हैं और अब यह अन्य इलाकों जैसे अदल, अंदर्सिंह और पांदियाकेरा तक भी पहुंच चुकी है।
इस संकट से निपटने के लिए एक मेडिकल टीम को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है, जो स्वास्थ्य जांच, दवाओं का वितरण और स्थानीय लोगों को प्रदूषित पानी के सेवन से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक कर रही है। प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों से दया नदी के पानी का सेवन न करने और अन्य घरेलू उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग न करने की अपील की गई है।
जन स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि दया नदी में प्रदूषण के कारण ही डायरिया का प्रकोप हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों से लिए गए पानी के सैंपल में ई-कोलाई बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई है, जिससे प्रदूषित पानी और डायरिया के फैलने के बीच संबंध की पुष्टि होती है।
स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने और बीमारी के और फैलने से रोकने के लिए तत्परता से काम कर रहे हैं। वे स्वच्छता बनाए रखने और प्रदूषित पानी के स्रोतों से बचने की आवश्यकता पर भी जोर दे रहे हैं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित समुदायों को स्वच्छ पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है।
स्थानीय लोगों ने इससे पहले भी अपने दैनिक जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पानी की आपूर्ति की कमी पर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि काना क्षेत्र में स्वच्छ पाइप जल आपूर्ति प्रणाली की कमी है, जिसके कारण उन्हें पूरी तरह से दया नदी पर निर्भर रहना पड़ता है।