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कटक का कुख्यात नक्सली आलोक भी हो चुका है ढेर
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16 में से अब तक 12 की हो चुकी है पहचान
भुवनेश्वर। ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए एक बड़े अभियान में मारे गए 16 नक्सलियों में एक कटक का कुख्यात नक्सली भी शामिल है। मारे गए नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है, जिनमें से 12 की पहचान हो चुकी है।
मारे गए नक्सलियों में अधिकांश छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के निवासी थे। इन पर करोड़ों रुपये के इनाम घोषित थे। मारे गए प्रमुख केंद्रीय समिति के सदस्यों में ओडिशा के चेलापति, जयराम, सत्यम, आलोक और अन्य शामिल हैं।
कटक जिले के नियाली क्षेत्र से जुड़े कुख्यात नक्सली आलोक (मुन्ना) की पहचान भी मारे गए नक्सलियों में हुई है। आलोक पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 8 लाख रुपये, जबकि ओडिशा और आंध्र प्रदेश सरकार ने 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
आलोक तीन राज्यों में था सक्रिय कुख्यात नक्सली
आलोक नक्सलियों के बीच एक प्रमुख और कुख्यात चेहरा था। वह सुरक्षा बलों को लगातार चकमा देता रहा और छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में सक्रिय रूप से काम करता था।
चेलापति पर सबसे बड़ा इनाम
मारे गए अन्य प्रमुख नक्सलियों में चेलापति भी शामिल है, जिस पर सबसे अधिक 90 लाख रुपये का इनाम था। छत्तीसगढ़ सरकार ने 40 लाख, ओडिशा और आंध्र सरकार ने 25-25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके अलावा, जयराम और सत्यम जैसे अन्य नक्सलियों पर 25-25 लाख रुपये का इनाम था।
सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता
यह अभियान सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। हालांकि, मारे गए बाकी नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया अभी जारी है। यह ऑपरेशन माओवादी गतिविधियों से प्रभावित इस संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
यह कार्रवाई माओवादी गतिविधियों पर रोक लगाने की दिशा में सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। इससे प्रभावित क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की उम्मीदें बढ़ी हैं।
एसओडी जवानों के लिए बढ़ा जोखिम भत्ता
इस बड़ी कार्रवाई के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) के जवानों के जोखिम भत्ते को 8,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया है।