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मौके पर दागी गईं थी आठ गोलियां
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गोपाल दास के अलावा और भी शूटरों के शामिल होने का संदेह
भुवनेश्वर। ओडिशा के पूर्व बीजद मंत्री नव किशोर दास की हत्या की चल रही जांच में नए खुलासे हुए हैं। फोरेंसिक रिपोर्ट से संकेत मिला है कि अपराध के दौरान कई आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे गोपाल दास के अलावा और भी शूटरों के शामिल होने का संदेह पैदा हो गया है।
अपराध स्थल से फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार, एक गोली मंत्री को लगी, जबकि पांच गोलियां साथ चल रहे सरकारी वाहन में लगी थीं। इससे हत्या की साजिश में और भी लोगों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
बचाव पक्ष के वकील नरेश नायक ने हमले की सटीक प्रकृति के कारण एक स्नाइपर के शामिल होने की संभावना जताई है। क्राइम ब्रांच द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार, 29 जनवरी, 2023 को नव दास दो अलग-अलग वाहनों में यात्रा करते हुए ब्रजराजनगर गांधी चौक जा रहे थे। दास आगे वाली कार में थे, जबकि उनके सहयोगी दूसरी कार में पीछे चल रहे थे।
जांच के दौरान, अधिकारियों को गोपाल दास के पास से 18 गोलियों और तीन बिना फायर किए हुए राउंड वाली एक मैगजीन मिली। इस स्थिति रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छह गोलियों में से तीन बिना फायर किए ही बरामद की गईं, एक नव दास के सीने में लगी, दूसरी गोली नहीं चली और आखिरी गोली हवा में चली।
हालांकि, फोरेंसिक निष्कर्ष इस विवरण से अलग हैं, खासकर दूसरे वाहन (एक सफेद टोयोटा इनोवा) के संबंध में, जिसमें पाँच गोलियों के निशान मिले थे। दूसरे वाहन को लगी गोलियों के लिए खोल के आवरण की अनुपस्थिति, गोलियों के प्रक्षेपवक्र और उत्पत्ति के बारे में और सवाल खड़े करती है।
मंत्री दास को लगी गोली के लिए जिम्मेदार आग्नेयास्त्र अभी भी अज्ञात है, जिससे गोपाल दास की संलिप्तता और उससे आगे के बारे में और अधिक जिज्ञासा पैदा होती है।
जबकि पाई गई गोलियां गोपाल दास के हथियार से मेल खाती हैं, नव दास को घातक रूप से घायल करने वाली गोली का स्रोत अभी भी अनिश्चित है। जांच इन घटनाक्रमों की गहराई से जांच जारी रखती है, जिसका उद्देश्य इस हाई-प्रोफाइल मामले में शामिल सभी लोगों को उजागर करना है।
अज्ञात स्रोत और खोये हुए गोले
एसएफएसएल (राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) ने कई निशानेबाजों की ओर इशारा करते हुए विसंगतियों का सुझाव दिया है। नव दास के वाहन पर लगी गोलियों के खोये हुए खोल को लेकर विवाद है, जो पहले से ही जटिल जांच में और भी परतें जोड़ रहा है।
नव दास हत्याकांड की समयरेखा
29 जनवरी, 2023 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री नव दास को झारसुगुड़ा में सहायक उप निरीक्षक गोपाल दास ने बहुत नजदीक से गोली मार दी थी। उल्लेखनीय है कि एएसआई गोपाल दास को यातायात प्रबंधन के लिए ब्रजराजनगर के गांधी चौक पर तैनात किया गया था, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री नव दास को पास में ही एक कार्यक्रम में भाग लेने जाना था। जैसे ही नव दास कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और अपने वाहन से उतर रहे थे, उनके समर्थक उनका स्वागत करने के लिए दौड़ पड़े। गोपाल दास भी करीब गए और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने मंत्री पर गोलियां चला दीं।
हमले में गंभीर रूप से घायल हुए नबा दास को तुरंत झारसुगुड़ा जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) ले जाया गया और फिर उन्हें भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।