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स्नान मंडप में गजवेश में श्रीजिव ने दिये भक्तों को दर्शन
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कोरोना को कारण आम श्रद्धालु दर्शन से बंचित
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टेलीविजन के जरिये किया गया सीधा प्रसारण
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सुरक्षा में तैनात 40 प्लाटुन फोर्स
भुवनेश्वर. पवित्र देवस्नान पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को स्नान यात्रा के बाद श्रीजिव भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा तथा सुदर्शन ने गजवेश में दर्शन दिये. कोरोना के कारण आम श्रद्धालु स्नान मंडप पर भगवान के दर्शन करने से बंचित रहे. टेलीविजन के जरिये किये गये सीधा प्रसारण के माध्यम से श्रद्धालुओं ने श्रीजिव के दर्शन किये. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि बिना श्रद्धालुओं की उपस्थिति में स्नान यात्रा का आयोजन किया गया.
उन्हें 108 कलस पानी से स्नान करवाया गया. इस अवसर पर केवल सेवायत ही उपस्थित थे. श्रद्धालु यहां न आ सकें, इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार, देवस्नान पूर्णिमा की स्नान यात्रा के लिए गुरुवार देर रात से रीति नीति प्रारंभ हुई. देर रात 1.25 पर मंगलार्पण के बाद बाद 1.40 बजे पहंडी कार्यक्रम हुआ. पहंडी कार्यक्रम सुबह 3.10 बजे संपन्न हुआ. सुबह 3.40 बजे सबसे पहले मदन मोहन, उसके बाद बलभद्र, उसके बाद देवी सुभद्रा तथा सबसे अंत में श्रीजगन्नाथजी स्नान मंडप में आये. सुबह 4.20 बजे मंगल आरती व अन्य रीति-नीति संपन्न हुई.
इसके बाद उनके स्नान की प्रक्रिया शुरु हुई. स्नान के बाद गजवेश में भगवान ने दर्शन दिये. पुरी के गजपति महाराज को छेरा पहरा की नीति करनी थी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में मुदिरस्थ सेवायक ने स्नान वेदी में छेरा पहरा की नीति को संपन्न की. कोरोना के कारण आम श्रद्धालु नहीं थे. श्रद्धालुओं को रोकने लिए पुरी शहर को छावनी में परिवर्तित कर दिया गया था. पुरी शहर के विभिन्न चौकों व सड़कों पर धारा 144 लगाये जाने के साथ-साथ बैरिकेडिंग की गई थी. पुरी शहर में 40 प्लाटुन फोर्स तैनात की गयी थी. इसके बाद महाप्रभु श्रीजगन्नाथ अस्वस्थ होकर 14 दिनों के लिए एकांतवास में रहेंगे तथा उनकी चिकित्सा की जाएगी. इस दौरान जगन्नाथ मंदिर के रत्न सिंहासन पर वह विराजमान नहीं होंगे.
देवस्नान पूर्णिमा पर मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
देवस्नान पूर्णिमा के अवसर पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य की जनता को शुभकामनाएं दी हैं. मुख्यमंत्री ने ट्विट कर कहा कि पवित्र स्नान पूर्णिमा की शुभेच्छा व अभिनंदन. महाप्रभु की कृपा व आशीर्वाद से सभी का जीवन सुख व समृद्धिमय हो.