-
राज्यस्तरीय बीमा समिति की पहली बैठक संपन्न
-
जीवन बीमा निगम को एसएलआईसी के लिए नोडल लीड बीमा कंपनी बनाने का फैसला
-
राज्य में बीमा कवरेज का मूल्यांकन करने और 2036 तक सबके लिए बीमा के लक्ष्य को प्राप्त करने के उपाय सुझाने पर जोर
भुवनेश्वर। ओडिशा में आयुष्मान भारत योजना के लिए केंद्र सरकार के साथ समझौता पर हस्ताक्षर करने के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की सरकार ने अब 2036 तक सबके लिए बीमा देने की योजना पर काम करना शुरू कर दी है। इसके लिए राज्यस्तरीय बीमा समिति की बैठक में राज्य में बीमा कवरेज का मूल्यांकन करने और 2036 तक सबके लिए बीमा के लक्ष्य को प्राप्त करने के उपाय सुझाने पर जोर दिया गया है।
इसके साथ ही राज्यस्तरीय बीमा समिति (एसएलआईसी) की पहली बैठक में जीवन बीमा निगम को एसएलआईसी के लिए नोडल लीड बीमा कंपनी बनाने का फैसला किया गया। यह बैठक भुवनेश्वर में बुधवार को आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता विकास आयुक्त-सह-राज्य सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग, आईएएस ने की।
बीमा क्षेत्र में एक स्वर्ण मानक स्थापित करने का आग्रह
इस दौरान अनु गर्ग ने एसएलआईसी से नियामक (भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण), राज्य सरकार और बीमा कंपनियों को शामिल करते हुए एक त्रिपक्षीय संस्थागत तंत्र के रूप में कार्य करने और बीमा क्षेत्र में एक स्वर्ण मानक स्थापित करने का आग्रह किया, जैसा कि एसएलबीसी बैंकिंग क्षेत्र में है।
बताया गया है कि एक मंच के रूप में एसएलआईसी राज्य के बीमा कवरेज का आकलन करेगा तथा 2036 तक सभी के लिए बीमा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बीमा पहुंच को बढ़ाने के उपाय सुझाएगा।
प्राथमिकता के आधार पर दावों का निपटान करने के निर्देश
बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत दावों के खराब निपटान से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा राज्य में बीमा कवरेज का मूल्यांकन करने और 2036 तक “सबके लिए बीमा” के लक्ष्य को प्राप्त करने के उपाय सुझाने पर जोर दिया गया। समिति ने इस मामले को गंभीरता से लिया और संबंधित बीमा कंपनियों को प्राथमिकता के आधार पर दावों का निपटान करने के निर्देश दिए।
किफायती बीमा उत्पाद तैयार करने की सलाह
श्रीमती गर्ग ने सभी बीमा कंपनियों को आम जनता के लिए बीमा को आसान बनाने, किफायती बीमा उत्पाद तैयार करने, बीमाकर्ता और बीमित व्यक्ति के बीच विश्वास की कमी को कम करने, प्रौद्योगिकी संचालित मंच का उपयोग करके प्रक्रिया को सरल बनाने, त्वरित और अधिकतम दावा निपटान के लिए एआई आधारित तंत्र और राज्य की बीमा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र की सलाह दी। समिति ने राज्य के लिए आईआरडीएआई द्वारा नियुक्त चार प्रमुख बीमा कंपनियों जैसे भारती एक्सा लाइफ, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस, एलआईसी ऑफ इंडिया और ज्यूरिख कोटक जनरल इंश्योरेंस में से जीवन बीमा निगम को एसएलआईसी के लिए नोडल लीड बीमा कंपनी बनाने का फैसला किया।
मुद्दों के समाधान उप-समितियों गठित करने का सुझाव
समिति ने जीवन, फसल, मोटर, स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रीय बीमा से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए प्रासंगिक उप समितियों का गठन करने का भी सुझाव दिया। आईआरडीएआई के सदस्य सचिव सत्यजीत त्रिपाठी बैठक में श्रीराम जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के अनिल कुमार अग्रवाल, ज्यूरिख कोटक जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के आलोक कुमार अग्रवाल, वित्त विभाग के प्रधान सचिव शाश्वत मिश्र, डीएएफई के प्रधान सचिव डॉ अरविंद कुमार पाढ़ी, आयुक्त-सह-सचिव गुहा पूनम तपस कुमार, राज्य सरकार के सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी तथा संस्थागत वित्त निदेशक डॉ प्रज्ञानस्मिता साहू उपस्थित थे।