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कानून मंत्री ने दी सख्त चेतावनी
भुवनेश्वर। लिंगराज मंदिर में चल रहे विवाद को हल करने के लिए आयोजित उच्च-स्तरीय बैठक बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो गई। यह बैठक कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन के निवास पर आयोजित की गई, जिसमें बंदोबस्ती आयुक्त, खुर्दा जिला कलेक्टर और कानून विभाग के सचिव ने भाग लिया।
बैठक के दौरान ‘ब्राह्मण नियोग’ के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे, जिसके कारण बैठक निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सकी। खुर्दा जिला कलेक्टर ने पुष्टि की कि एक ट्रस्ट बोर्ड की बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि समाधान की कोशिश की जा सके।
सेवायतों के बीच यह विवाद भक्तों में भी आक्रोश का कारण बना है, जिन्होंने इस कृत्य की निंदा की और सेवायतों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एक गुस्साए भक्त ने कहा कि भगवान लिंगराज पिछले तीन दिनों से भूखे हैं। यह सेवायतों के कारण है कि भगवान लिंगराज को भूखा रहना पड़ा। यह बहुत ही निंदनीय है। मैं प्रशासन से इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने की अपील करता हूँ।
इस बीच, कानून मंत्री ने सख्त चेतावनी दी है और संकेत दिया है कि यदि स्थिति को आवश्यक माना गया, तो कठोर कदम उठाए जा सकते हैं, जिसके लिए घटनाक्रमों का पूरी तरह से मूल्यांकन किया जाएगा।
कानून मंत्री हरिचंदन ने कहा कि हमने नियोगों को बुलाया है ताकि विधायक बाबू सिंह, जिला कलेक्टर और प्रमुख सचिव कानून की उपस्थिति में समाधान निकाला जा सके। यह निंदनीय है। अगर कोई समस्या थी तो वे एक साथ बैठकर समाधान निकाल सकते थे। भगवान लिंगराज के अनुष्ठान को रोकना बहुत ही निंदनीय है।
विवाद के बीच, मंदिर के धार्मिक अनुष्ठान तीन दिनों तक स्थगित कर दिए गए हैं, जिससे भक्तों में अनिश्चितता का माहौल है।