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उच्च न्यायालय ने दिया अहम आदेश
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दोनों को कम से कम मेट्रिक उत्तीर्ण होना अनिवार्य
कटक। ओडिशा के विख्यात कोणार्क सूर्य मंदिर में फोटोग्राफरों और गाइड्स के लिए एक लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है। यह लाइसेंस एएसआई द्वारा जारी किया जायेगा।
राज्य के उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक अहम आदेश में कहा है कि कोणार्क सूर्य मंदिर में काम करने वाले फोटोग्राफरों और गाइड्स को कम से कम मेट्रिक उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा और उन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
यह आदेश 154 अवैध फोटोग्राफरों के एक समूह द्वारा 2017 में लागू की गई एएसआई नीति को चुनौती देने के बाद आया था। इन फोटोग्राफरों का कहना था कि नई नीति उनके रोजगार के लिए खतरा बन गई है, क्योंकि कई दशकों से वे बिना इन योग्यताओं के मंदिर में कार्य कर रहे थे।
मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति सावित्री रथ की खंडपीठ ने एकल न्यायधीश की पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि यह नीति महत्वपूर्ण है और इसके पालन में कोई भी रियायत नहीं दी जा सकती।
मौलिक अधिकारों पर लग सकता है उचित प्रतिबंध
न्यायालय ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ग) के तहत मौलिक अधिकारों पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय के एक समान फैसले को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने कहा कि चयन प्रक्रिया के तहत लाइसेंस प्राप्त करना इन अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता है।
नीति का उद्देश्य है गतिविधियों को नियंत्रित करना
एएसआई की नीति का उद्देश्य केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में फोटोग्राफरों की गतिविधियों को नियंत्रित करना है, ताकि मंदिर की पवित्रता बनी रहे और इस स्थल पर काम करने वाले पेशेवरों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
न्यायालय ने अपीलकर्ताओं की एक बार की छूट देने की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि सभी को वर्तमान मानकों के अनुसार काम करना होगा।
एएसआई ने पहले ही 10 फोटोग्राफरों को दिया था लाइसेंस
ज्ञात हो कि एएसआई ने पहले ही 10 फोटोग्राफरों को कोणार्क सूर्य मंदिर में कार्य करने के लिए लाइसेंस जारी किया था, लेकिन बाद में इन फोटोग्राफरों ने शिकायत की थी कि अवैध फोटोग्राफरों के संचालन के कारण उनके रोजगार पर असर पड़ रहा है। इस कारण मंदिर में संचालन को नियंत्रित करने के लिए यह नीति लागू की गई थी।