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बीजद ने आरोपों को नकारा
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विधायक अरुण साहू ने सस्ती राजनीति करार दिया
भुवनेश्वर। भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि भुवनेश्वर में बीजद मुख्यालय शंख भवन को अनियमितताओं के साथ आवंटित भूमि पर होटल में बदल दिया गया है।
भाजपा नेता जगन्नाथ प्रधान ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि संभवतः यह पहली बार है जब किसी पार्टी पर सरकार द्वारा ‘कार्यालय उपयोग’ के लिए आवंटित भूमि पर होटल बनाने का आरोप लगा है। उन्होंने दावा किया कि शंख भवन कॉर्पोरेट घरानों के चंदे से बनाया गया था, लेकिन सत्ता खोने के बाद क्या चंदा बंद हो गया, जिससे यह स्थिति पैदा हुई?
प्रधान ने सवाल उठाया कि बीजद के भीतर कौन होटल संचालन की देखरेख कर रहा है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में आम जनता को 80 रुपये में भोजन करते देखा जा सकता है। वीडियो में एक व्यक्ति को चावल, दाल और गोभी की सब्जी खाने की बात कहते सुना गया।
भाजपा नेता ने आशंका जताई कि शंख भवन जल्द ही एक स्टार होटल का रूप ले सकता है और बीजद का मुख्यालय किसी सरकारी क्वार्टर में स्थानांतरित हो सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से जांच कराने और आरोप सही पाए जाने पर भूमि आवंटन रद्द करने की मांग की।
बीजद ने आरोपों को किया खारिज
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजद विधायक अरुण साहू ने कहा कि भाजपा सस्ती राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को सरकार चलाने पर ध्यान देना चाहिए। शंख भवन की स्थापना के समय ही इसे जनता का कार्यालय बताया गया था। यहां रोजाना बैठकें होती हैं। परिसर में एक कैंटीन है, जहां नेता और आम लोग भोजन करने आते हैं। मैं भाजपा नेताओं को भी यहां भोजन के लिए आमंत्रित करता हूं।
भूमि आवंटन पर पहले भी उठे थे सवाल
इससे पहले जून में भाजपा सरकार ने शंख भवन के निर्माण के लिए गंगानगर क्षेत्र में एक सड़क को आवासीय भूमि में बदलने के मामले में जांच की घोषणा की थी। चार भूखंडों में से एक, जिसमें 1.183 एकड़ भूमि शामिल है, मूल रूप से सड़क निर्माण के लिए आवंटित की गई थी लेकिन बाद में इसे आवासीय भूमि में बदल दिया गया।
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि बीजद को यह भूमि मात्र 12.94 करोड़ रुपये में दी गई, जबकि इसका बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक था।
बीजद ने तब भी इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह आवंटन उसी उच्चस्तरीय समिति द्वारा स्वीकृत किया गया था जिसने खारवेल नगर में भाजपा मुख्यालय के लिए भूमि आवंटन को मंजूरी दी थी।