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कहा- आपकी उपलब्धियों ने भारत की छवि को वैश्विक मंच पर मजबूत किया
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अन्य देशों के साथ हमारे संबंधों को नया आयाम दिया
भुवनेश्वर। 18वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन सत्र में ओडिशा की धरती पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों के योगदान को लेकर भावपूर्ण संबोधन दिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, ओडिशा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया।
डॉ जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम उन प्रवासी भारतीयों की प्रतिभा, समर्पण और रचनात्मकता को सम्मानित करने का अवसर है जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान दिया है। उनकी उपलब्धियों ने भारत की छवि को वैश्विक मंच पर मजबूत किया है और अन्य देशों के साथ हमारे संबंधों को नया आयाम दिया है।
उन्होंने प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कारों की चर्चा करते हुए कहा कि ये पुरस्कार उन लोगों के लिए मान्यता हैं जिन्होंने राजनीति, संगठनात्मक नेतृत्व, और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता के साथ अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने इसे भारत के पासपोर्ट की ताकत और वैश्विक संबंधों को मजबूत करने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका का प्रतीक बताया।
सत्र के दौरान प्रवासी भारतीय दिवस के मंच को महत्वपूर्ण चर्चा और नेटवर्किंग का केंद्र बताया गया। जयशंकर ने कहा कि यह मंच प्रवासी भारतीयों की गतिविधियों, रुचियों और आकांक्षाओं को उजागर करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इन चर्चाओं से भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता और भविष्य की दिशा तय होती है।
उन्होंने ओडिशा सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस राज्य ने इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग और साझेदारी का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विश्वास जताया कि ओडिशा आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए नए मानक स्थापित करेगा।
कार्यक्रम के अंत में विदेश मंत्री ने प्रवासी भारतीयों को भारत की प्रगति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए धन्यवाद दिया और उनके प्रयासों को भारत की समृद्धि का आधार बताया।