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विश्वविद्यालयों से चेयर स्थापित करने की अपील
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संत तिरूवल्लो पर ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी में चेयर स्थापित
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में गिरमिटिया जातियों पर गहन शोध की आवश्यकता पर जोर दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गिरमिटिया जातियां भारत के इतिहास और प्रवासी भारतीय समुदाय का अहम हिस्सा हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि वे कहां से, कब और कैसे गए और उनके संघर्ष और योगदान की कहानियां क्या हैं।
प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालयों से अपील की कि वे गिरमिटिया जातियों के अध्ययन और उनके इतिहास को संरक्षित करने के लिए चेयर स्थापित करें। उन्होंने कहा कि यह प्रयास न केवल इन जातियों के योगदान को मान्यता देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों और विरासत से जुड़ने में मदद करेगा।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय प्रवासी समुदाय की उपलब्धियां और संघर्ष पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा हैं। मोदी ने सुझाव दिया कि गिरमिटिया जातियों के इतिहास और उनकी जीवन गाथा पर गहन शोध से उनके अनुभवों और योगदान को व्यापक स्तर पर समझा जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी में संत तिरूवल्लुवर पर स्थापित चेयर का उदाहरण देते हुए कहा कि यह चेयर न केवल उनकी शिक्षाओं को वैश्विक स्तर पर पहुंचा रही है, बल्कि भारतीय संस्कृति की महानता को भी प्रदर्शित कर रही है। उन्होंने अन्य विश्वविद्यालयों से भी इसी तरह की पहल करने की अपील की।
यह पहल भारत की प्रवासी विरासत को संरक्षित करने और वैश्विक स्तर पर उसकी पहचान को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।