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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ श्री जगन्नाथ सेना ने सिंहद्वार थाने में शिकायत की, कार्रवाई की मांग

  • कहा- शनिवार को 30 हजार लोगों को जुटाकर पुरी प्रशासन ने खुद तोड़ा कोविद नियम

  • लोगों को घर-घर से बड़दांड में वंदे उत्कल जननी गाने के लिए बुलाने का आरोप

  • कानूनी कार्रवाई नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट तक मामला ले जाने की धमकी

प्रमोद कुमार प्रुष्टि, पुरी

श्री जगन्नाथ सेना के राष्ट्रीय संयोजक प्रियदर्शन पटनायक ने प्रशासन पर कोविद नियमों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए सिंहद्वार थाने में एक लिखित शिकायत की है. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक ले जायेंगे.

उन्होंने कहा कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्तों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन कल मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आह्वान पर जिला प्रशासन, नगरपालिका और पुलिस की ओर घर-घर जाकर बीजद कर्मियों को बड़दांड में वंदे उत्कल जननी गीत गाने के लिए बुलाया गया. उन्होंने कहा कि कल 30 हजार लोग बड़दांड गीत गाने के लिए एकत्रित हुए थे. उन्होंने कहा कि कोविद-19 को लेकर किसी भी प्रकार के समावेश पर प्रतिबंध है, लेकिन कल यहां लोगों को बुलाकर समावेश के बीच वंदे उत्कल जननी गीत गाया गया.

उन्होंने कहा कि एक ही राज्य में बीजद कर्मियों के एक नियम और भक्तों के लिए दूसरा नियम कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह काम प्रशासनिक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए किया है. उन्होंने कहा कि मैं इन्हीं प्रशासन से अधिकारियों से पूछना चाहता हूं कि वे क्यों नहीं भक्तों को महाप्रभु के दर्शन के लिए व्यवस्था करते हैं.

उन्होंने सवाल किया क्या मुख्यमंत्री नवीन पटनायक महाप्रभु से बढ़कर हैं. उन्होंने कहा कि कोविद नियमों के कारण भक्तों ने स्नान पूर्णिमा में नहीं आने निर्णय लिया है, लेकिन गीत गाने के लिए लोगों को बुलाया जा रहा है और व्यवस्था की जा रही है तो महाप्रभु के दर्शन के लिए क्यों नहीं व्यवस्था की जा सकती है.

मुख्यमंत्री माफी मांगे और भक्तों को अनुमति मिले

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अपने ही नियम को तोड़ा है. कोविद-19 को लेकर बड़े आयोजन पर प्रतिबंध है, लेकिन कल यहां बड़ी संख्या में लोगों को बुलाकर आयोजन किया गया. प्रशासन ने अपना नियम खुद तोड़ा है. इसलिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक लोगों से माफी मांगे और भक्तों को यहां आने के लिए अनुमति प्रदान करें.

किसका आदेश मानें, केंद्र या राज्य का

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आठ जून से धार्मिक स्थलों को भक्तों के दर्शन के लिए खोलने की छूट दी है, लेकिन राज्य में कहा जा रहा है कि रथयात्रा से लेकर नीलाद्री विजे तक गुंडिचा मंदिर और महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर नहीं खुलेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राज्य की जनता किसकी बात मानें.

रथयात्रा को लेकर भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के चक्कों को खड़ा कर एक-दूसरे के साथ जोड़ा गया.

रथों की लकड़ी से खाना पकाने की बात की निंदा की

श्री जगन्नाथ सेना के राष्ट्रीय संयोजक प्रियदर्शन पटनायक ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि श्रीमंदिर संचालन समिति के प्रमुख ने कल बैठक के दौरान कहा है कि यदि कोविद-19 के कारण रथयात्रा नहीं निकली तो इसकी लकड़ियों को निकाल रसोई में जलाकर महाप्रभु के लिए महाप्रसाद पका दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि यह बात कितनी दुखदायी है कि वे इस तरह की बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कितनी मेहनत करके रथों को निर्माण चल रहा है, लेकिन उनकी चिंता-विचारधारा ऐसी है.

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