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कटक राधानाथ उच्चतर शिक्षा अनुसंधान संस्थान के शताब्दी समारोह में केंद्रीय मंत्री ने की घोषणा
कटक। स्कूली छात्रों के लिए ओडिशा में शिक्षक व शिक्षा का विकास होगा। राज्य और देश के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर जिम्मेदारी निभाएंगी। मंगलवार को कटक स्थित राधानाथ उच्चतर शिक्षा अनुसंधान संस्थान (आरएनआईएएसई) के शताब्दी समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ये बातें कहीं।
संस्थान की शताब्दी पूरी होने पर बधाई देते हुए प्रधान ने कहा कि शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान कर राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विकास के लक्ष्य के साथ 1869 में कटक नॉर्मल स्कूल की स्थापना हुई। बाद में इसका नाम बदलकर कटक ट्रेनिंग स्कूल और फिर कटक ट्रेनिंग कॉलेज रखा गया। 1923 से यह कॉलेज राधानाथ इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन के नाम से प्रसिद्ध है और बीते 100 वर्षों से कई कुशल और प्रशिक्षित शिक्षक तैयार कर राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रावेंशा विश्वविद्यालय की कनिका लाइब्रेरी के बाद इस संस्थान की लाइब्रेरी उच्च स्तर की मानी जाती है। इस संस्थान में बीएड, एमएड, एम-फिल जैसे पाठ्यक्रम संचालित होते हैं और यहां से उत्तीर्ण शिक्षक राज्य, देश और विदेशों में काम कर ख्याति अर्जित कर चुके हैं।
इस अवसर पर प्रधान ने संस्थान प्रबंधन को एनएएसी मान्यता के लिए आवेदन करने की सलाह दी और कहा कि यदि यह संस्थान एनएएसी मान्यता प्राप्त करता है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, यहां नए पाठ्यक्रमों के साथ चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) शुरू किया जा सकता है।
पूर्व सरकार की गैर-जिम्मेदारी के कारण शिक्षक कमी और नियुक्तियों का बहाना दिखाकर इस संस्थान को बंद करने और अन्य कॉलेज में विलय करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन विरोध के कारण सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ा। प्रधान ने कहा कि राज्य में अधिक बी-एड संस्थान खोलने और शिक्षण क्षेत्र में सुधार के लिए राज्य सरकार के साथ चर्चा होगी।
ड्रॉपआउट दर कम करने के प्रयासों पर प्रधान ने कहा कि इस दर को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। परीक्षाओं का दबाव कम करने के लिए ‘परीक्षा पे चर्चा’ के जरिए प्रधानमंत्री विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद कर रहे हैं।
इस शताब्दी समारोह में राज्य के उच्च शिक्षा, खेल और युवा मामलों के मंत्री सूरज सूर्यवंशी, सांसद भर्तृहरि महताब और विधायकों सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।