-
रिपोर्टिंग के लिए “कृषि रक्षक” ऐप का कर सकते हैं उपयोग
-
हेल्पलाइन नंबर 14447 पर भी कर सकते हैं संपर्क
-
मिलेगा बीमा का मुआवजा
भुवनेश्वर। ओडिशा के तटीय और आंतरिक जिलों में पिछले दो दिनों से हुई अनियमित बारिश ने किसानों की कटाई की गई फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अनुगूल, बालेश्वर, भद्रक, बौध, कटक, ढेंकानाल, देवगढ़, गजपति, गंजाम, जगतसिंहपुर, जाजपुर, कंधमाल, केंद्रापड़ा, केंदुझर, खुर्दा, कोरापुट, मयूरभंज, नवरंगपुर, नयागढ़, पुरी और रायगड़ा जिलों के लगभग 15 लाख किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत हैं।
बारिश के कारण हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 72 घंटे के भीतर अपनी फसल क्षति की रिपोर्ट करनी होगी। रिपोर्टिंग के लिए किसान “कृषि रक्षक” ऐप का उपयोग कर सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14447 पर संपर्क कर सकते हैं।
कटाई के बाद का नुकसान होगा कवर
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कटाई के बाद का नुकसान तभी कवर होगा जब फसल कटाई के बाद कटाई व फैलाव की स्थिति या छोटे बंडल की स्थिति में हो और नुकसान कटाई के 14 दिनों के भीतर हुआ हो। बीमा मुआवजा देने से पहले प्रभावित खेतों का संयुक्त सर्वेक्षण बीमा कंपनियों और सरकारी अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
संयुक्त सर्वेक्षण मिलेगा मुआवजा
बताया गया है कि संयुक्त सर्वेक्षण के बाद किसानों को पूरे बीमित राशि के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। फसल नुकसान की सही रिपोर्टिंग से किसानों को बीमा दावा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
प्रभावित जिलों के किसानों से अपील की गई है कि वे समय रहते अपने फसल नुकसान की जानकारी “कृषि रक्षक” ऐप के माध्यम से अपलोड करें या हेल्पलाइन नंबर 14447 पर रिपोर्ट करें।
मार्गदर्शन के लिए अधिकारी नियुक्त
बताया गया है कि किसान सहायता और मार्गदर्शन के लिए अपने स्थानीय कृषि अधिकारी (वीएडब्ल्यू, बीएओ, डीएओ, सीडीएओ) या सहकारी अधिकारी (सीईओ, एआरसीएस, डीआरसीएस) से संपर्क कर सकते हैं। सरकार ने किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।