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बीजद और कांग्रेस के विधायकों ने राज्य सरकार को घेरा
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स्पीकर के पोडियम के पास जोरदार नारेबाजी की
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हंगामे के कारण नहीं चल पाया प्रश्नकाल
भुवनेश्वर। मिशन शक्ति से जुड़े एमबीके, सीआरपी और बैंक मित्र आदि को कुछ माहों से वेतन न दिये जाने को लेकर विधानसभा में आज दूसरे दिन भी जबरदस्त हंगामा हुआ, जिससे प्रश्नकाल नहीं चल पाया। बीजद और कांग्रेस के विधायकों ने इन मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरते हुए स्पीकर के पोडियम के पास जोरदार नारेबाजी की।
सुबह 10:30 बजे शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने प्रश्नकाल शुरु किया। पंचायती राज मंत्री रवि नारायण नायक ने विधायक ओम प्रकाश मिश्र द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर पढ़ना शुरू किया। हालांकि, बीजद और कांग्रेस के विपक्षी विधायकों ने सत्र को बाधित कर दिया। वे सदन के बीच में आकर एमबीके, सीआरपी और बैंक मित्र मुद्दों को लेकर नारेबाजी करने लगे।
स्पीकर ने सदस्यों से बार-बार अपनी सीटों पर लौटने और कार्यवाही में सहयोग करने की अपील की, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। हंगामा जारी रहने के कारण स्पीकर को सदन को 11:30 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने
विधानसभा में आज मिशन शक्ति महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखा टकराव देखने को मिला। प्रश्नकाल इस मुद्दे को लेकर पहले ही बाधित होने के बाद शून्यकाल के दौरान भी जारी रहा। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा, जबकि सत्तारूढ़ दल ने जोरदार प्रतिक्रिया दी।
शून्यकाल के दौरान, बीजद विधायक ध्रुव साहू ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि सीआरपी और एमबीके को पिछले आठ महीनों से वेतन नहीं मिला है और वे सर्दी के मौसम में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। वे धरने पर बैठी है। उन्होंने सरकार से उनकी दुर्दशा पर विचार करने और समस्या को हल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनकी सेवाओं को शीघ्रता से नवीनीकरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार पर मिशन शक्ति को बंद करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि केवल मामूली राशि बांटने से महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं हो सकतीं।
कांग्रेस ने सरकार को चेताया
कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र काडाम ने कहा कि सरकार, विशेष रूप से “डबल इंजन” भाजपा सरकार को मिशन शक्ति महिलाओं की चिंताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने पिछली सरकारों की विफलताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया और मौजूदा सरकार को चेतावनी दी कि वे उन गलतियों को न दोहराएं और महिलाओं को न्याय प्रदान करें।
भाजपा का विपक्ष पर पलटवार
झारसुगुड़ा से भाजपा विधायक टंकधर त्रिपाठी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि बीजद महिलाओं का राजनीतिक औजार के रूप में उपयोग कर रही है। उन्होंने सत्तारूढ़ दल की गंभीरता पर सवाल उठाया और कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के दावों के बावजूद तीन महीने पहले समझौतों को समाप्त कर दिया गया था। त्रिपाठी कहा कि कि भाजपा सत्ता में केवल पांच महीने से है और ये समस्याएं उनके कार्यकाल से पहले की हैं। उन्होंने पूछा कि पिछली सरकार ने इन वेतन मुद्दों को क्यों नहीं सुलझाया और बीजद पर पिछले 24 वर्षों से महिलाओं को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
त्रिपाठी ने विपक्षी नेताओं से दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपनी गलतियां स्वीकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को बीच में ही असहाय छोड़ना अस्वीकार्य है और ओडिशा की जनता अब इस तरह के मगरमच्छ के आंसुओं को बर्दाश्त नहीं करेगी।