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बीजद ने सीएम माझी के बयान पर जताई आपत्ति
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन मांझी द्वारा पूर्ववर्ती सरकार में एएसओ नौकरियों को बेचे जाने संबंधी दिए गए बयान का बीजू जनता दल (बीजद) के विधायकों ने शनिवार को जमकर विरोध किया। इस कारण विधानसभा का पहली पाली की बैठक नहीं चल सकी। मुख्यमंत्री के बयान का विरोध करते हुए बीजद विधायकों ने उनकी स्पष्टीकरण की मांग की और सदन में हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी।
आज निर्धारित कार्यसूची के अनुसार सुबह 10:30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने प्रश्नकाल की शुरुआत की और बालेश्वर के विधायक मानस दत्त के सवाल का उत्तर देने के लिए लोक निर्माण विभाग के मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को बुलाया। मंत्री हरिचंदन ने उत्तर देना शुरू किया, लेकिन उसी समय बीजद विधायक मुख्यमंत्री के कल दिए गए बयान का विरोध करते हुए नारेबाजी करने लगे।
बीजद विधायक सदन के मध्य में आकर हंगामा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष पाढ़ी ने विधायकों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपनी सीट पर लौट जाएं और सदन की कार्यवाही में सहयोग करें, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। बीजद विधायकों का हंगामा जारी रहा।
बीजद मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि एएसओ नौकरी किसने बेची और कहां बेची। हंगामा थमता न देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
11:30 बजे फिर से सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई। 11.30 बजे शून्यकाल में भी वही स्थिति रही। विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार के समय नौकरियों को बेचे जाने संबंधी जो बयान कल दिए, उसके प्रमाण पेश करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा था कि पिछली सरकार के दौरान एएसओ नौकरियां को बेचा जा रहा था। 20 लाख, 30 लाख देने पर नौकरी मिल रही थी। यह मेहनत करने वाले योग्य छात्रों का अपमान है। इससे तैयारी कर रहे छात्रों का मनोबल टूट रहा है।
प्रमिला मल्लिक ने सवाल उठाया कि अगर उनके पास सबूत हैं, तो छह महीने से चुप क्यों बैठे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियां हैं, लेकिन कोई जांच क्यों नहीं हुई। मुख्यमंत्री केवल सस्ते बयान क्यों दे रहे हैं। यदि मुख्यमंत्री के पास कोई प्रमाण नहीं है तो फिर मुख्यमंत्री के बयान सदन के रिकॉर्ड से हटाया जाए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अगर किसी एजेंसी से इस संबधी जानकारी प्राप्त की है, तो उसका प्रमाण दें। प्रमिला मल्लिक ने अध्यक्ष से अपील की कि कल के मुख्यमंत्री के बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दिया जाए। इसके बाद बीजद विधायकों ने फिर से सदन के मध्य में आकर हंगामा किया, जिसके कारण अध्यक्ष ने सदन को दोपहर 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
भाजपा ने की सस्ती राजनीति से बचने की अपील
भाजपा विधायक मानस दत्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री माझी सदन के अनुभवी सदस्य हैं और बीजद के 24 साल के शासन में हुई अनियमितताओं से पूरी तरह वाकिफ हैं। बीजद सिर्फ ओपीएससी और ओएसएसएससी विधेयकों में बदलाव नहीं होने देना चाहती। मैं विपक्ष से सस्ती राजनीति से बचने की अपील करता हूं।
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