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पूर्वी भारत में अपनी तरह की पहली लैब
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खिलाड़ियों को बहुत लाभ होगा
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कार्यकारी निदेशक डॉ आशुतोष बिस्वास ने कई सुविधाओं वाली लैब का उद्घाटन किया
भुवनेश्वर। एम्स भुवनेश्वर ने पूर्वी भारत में अपनी तरह की पहली 4-डी स्पाइन और गैट एनालिसिस लैब का उद्घाटन करके स्वास्थ्य सेवा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह पूर्वी भारत में अपनी तरह का पहली लैब है। फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर) विभाग में स्थित अत्याधुनिक सुविधा को कार्यकारी निदेशक प्रो (डॉ) आशुतोष बिस्वास ने अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर जनता को समर्पित किया।
नव स्थापित लैब में प्रोस्थेटिक और ऑर्थोटिक सेवाएं, व्यावसायिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी इकाइयां और अन्य संबद्ध सेवाओं सहित अत्याधुनिक तकनीकें हैं। इस अवसर पर डॉ बिस्वास ने जोर देकर कहा कि इन सुविधाओं के एकीकरण से पीएमआर विभाग की रोगी देखभाल के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह लैब एम्स भुवनेश्वर को विभिन्न प्रकार के रोगियों को उच्च-गुणवत्ता वाली, व्यक्तिगत पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगी, जिनमें लोकोमोटर विकलांगता, मस्कुलोस्केलेटल स्थिति और खेल चोटों वाले रोगी भी शामिल हैं। यह उन्नत तकनीक (4-डी स्पाइन और गैट एनालिसिस लैब) शरीर के जोड़ों पर वास्तविक समय के बायोमैकेनिकल डेटा प्रदान करते हुए रीढ़ की विकृति का मूल्यांकन और मात्रा निर्धारित करती है। यह स्ट्रोक, स्कोलियोसिस, गर्दन और पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पोलियो के बाद के अवशिष्ट पक्षाघात, मायोपैथी और न्यूरोपैथी जैसी स्थितियों के प्रबंधन के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। इसके अतिरिक्त, लैब खेल पुनर्वास के लिए वास्तविक समय की चाल विश्लेषण प्रदान करती है, जिससे एथलीटों को रिकवरी और प्रदर्शन बढ़ाने में मदद मिलती है। पीएमआर विभाग के प्रमुख डॉ जगन्नाथ साहू ने बताया कि गैर-इनवेसिव प्रणाली विकिरण के खतरों से मुक्त है और सटीक निदान प्रदान करती है, छिपी हुई चोटों, मांसपेशियों की गड़बड़ी, शरीर के संतुलन और पैर के दबाव प्रणालियों की पहचान करती है। उद्घाटन समारोह में डॉ दिलीप कुमार परिडा (चिकित्सा अधीक्षक), डॉ आरएन साहू (एचओडी न्यूरोसर्जरी), डॉ संजीव कुमार भोई (एचओडी न्यूरोलॉजी), रश्मी रंजन सेठी (डीडीए, आई/सी) और आर पी टोप्पो (एसई) सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।