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विकास निधि में भी बढ़ोत्तरी की मांग
भुवनेश्वर। ओडिशा के सभी पार्टियों के विधायकों ने अपने वेतन, पूर्व विधायकों की पेंशन, और विधायक विकास निधि में बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने बढ़ती महंगाई और स्वास्थ्य खर्चों का हवाला देते हुए यह मांग की। मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया, जिसमें कुछ सदस्यों ने पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवर बढ़ाने की भी बात कही।
विधायकों ने विधायक विकास निधि को मौजूदा 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने और उनके मासिक वेतन को 2.5 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने पूर्व विधायकों की पेंशन को 70,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव रखा।
विपक्ष के मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने पूर्व विधायकों की आर्थिक कठिनाइयों को उजागर करते हुए कहा कि ओडिशा विधायकों के वेतन के मामले में देश में 27वें स्थान पर है। विधानसभा की एक समिति ने पहले ही वेतन को 2.5 लाख रुपये और पेंशन को 70,000 रुपये तक बढ़ाने की सिफारिश की थी। यदि आवश्यक हो तो इन सिफारिशों को लागू करने के लिए अध्यक्ष को एक नई समिति का गठन करना चाहिए।
विपक्ष के उपनेता प्रताप देव ने इन चिंताओं का समर्थन करते हुए कहा कि मौजूदा 3 करोड़ रुपये की विधायक विकास निधि अपर्याप्त है। उन्होंने इसे 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की वकालत की।
कांग्रेस विधायक रामचंद्र कडाम ने विधायक विकास निधि और वेतन व पेंशन में बढ़ोतरी की मांग का समर्थन किया। उनके सहयोगी तारा वाहिनीपति ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों की मांग मौजूदा बजट से कहीं अधिक है, इसलिए निधि को 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा कवरेज को 20 लाख तक बढ़ाने की भी मांग की।
भाजपा विधायक भास्कर मढेई और सनातन बिजुली ने भी इन मांगों का समर्थन करते हुए पहले की समिति की सिफारिशों के आधार पर त्वरित कार्रवाई का आह्वान किया। बिजुली ने बताया कि मौजूदा वेतन विधायकों की जिम्मेदारियों और खर्चों को देखते हुए पर्याप्त नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदस्यों के बीच सहमति का उल्लेख करते हुए कहा कि विधायकों के वेतन, पूर्व विधायकों की पेंशन और विधायक विकास निधि में बढ़ोतरी की मांग उचित और समयानुसार है। इस मामले को संसदीय कार्य मंत्री को राज्य सरकार के सामने रखना चाहिए, और मैं स्वयं मुख्यमंत्री को इस बारे में जानकारी दूंगी।
विधायकों ने विधायक विकास निधि को मौजूदा 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने और उनके मासिक वेतन को 2.5 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने पूर्व विधायकों की पेंशन को 70,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव रखा।
विपक्ष के मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने पूर्व विधायकों की आर्थिक कठिनाइयों को उजागर करते हुए कहा कि ओडिशा विधायकों के वेतन के मामले में देश में 27वें स्थान पर है। विधानसभा की एक समिति ने पहले ही वेतन को 2.5 लाख रुपये और पेंशन को 70,000 रुपये तक बढ़ाने की सिफारिश की थी। यदि आवश्यक हो तो इन सिफारिशों को लागू करने के लिए अध्यक्ष को एक नई समिति का गठन करना चाहिए।
विपक्ष के उपनेता प्रताप देव ने इन चिंताओं का समर्थन करते हुए कहा कि मौजूदा 3 करोड़ रुपये की विधायक विकास निधि अपर्याप्त है। उन्होंने इसे 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की वकालत की।
कांग्रेस विधायक रामचंद्र कडाम ने विधायक विकास निधि और वेतन व पेंशन में बढ़ोतरी की मांग का समर्थन किया। उनके सहयोगी तारा वाहिनीपति ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों की मांग मौजूदा बजट से कहीं अधिक है, इसलिए निधि को 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा कवरेज को 20 लाख तक बढ़ाने की भी मांग की।
भाजपा विधायक भास्कर मढेई और सनातन बिजुली ने भी इन मांगों का समर्थन करते हुए पहले की समिति की सिफारिशों के आधार पर त्वरित कार्रवाई का आह्वान किया। बिजुली ने बताया कि मौजूदा वेतन विधायकों की जिम्मेदारियों और खर्चों को देखते हुए पर्याप्त नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदस्यों के बीच सहमति का उल्लेख करते हुए कहा कि विधायकों के वेतन, पूर्व विधायकों की पेंशन और विधायक विकास निधि में बढ़ोतरी की मांग उचित और समयानुसार है। इस मामले को संसदीय कार्य मंत्री को राज्य सरकार के सामने रखना चाहिए, और मैं स्वयं मुख्यमंत्री को इस बारे में जानकारी दूंगी।