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बड़े पैमाने हो रही है आलू की खेती
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रबी 2024 के लिए आलू की खेती पर समीक्षा बैठक
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उप मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने की अध्यक्षता
भुवनेश्वर। रबी 2024 सीजन के लिए आलू की खेती के क्रियान्वयन पर आज एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कृषिभवन में उप मुख्यमंत्री श्री कनक वर्धन सिंहदेव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक के दौरान, उप मुख्यमंत्री ने इस पहल के महत्व पर जोर दिया, जो रबी सीजन में आलू उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और किसानों की आजीविका व आय बढ़ाने में सहायक होगी।
उन्होंने राज्य सरकार की व्यापक आलू खेती की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस पहल को राज्य की “आलू, सब्जी और मसाले विकास” योजना के तहत लागू किया गया है, जिसके तहत रबी 2024 में 15,023 हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 1,95,299 क्विंटल प्रमाणित बीज आलू की आवश्यकता है। ओडिशा राज्य बीज निगम लिमिटेड को प्रमाणित बीजों की आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें से 1,79,476 क्विंटल बीज पहले ही सत्यापित किए जा चुके हैं। कार्यक्रम के सुचारु क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग ने कई सक्रिय कदम उठाए हैं।
जिला स्तर पर समन्वय बैठकें जिलाधिकारी-कम-कलेक्टरों के नेतृत्व में आयोजित की गई हैं ताकि जमीनी स्तर पर प्रयासों को सुदृढ़ किया जा सके। इसके अलावा, चयनित क्लस्टरों में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए संवेदनशीलता बैठकें आयोजित की गई हैं। जागरूकता फैलाने के लिए टेलीविजन विज्ञापन, पर्चे वितरण, सोशल मीडिया प्रचार और किसान सहभागिता बैठकें जैसी सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियाँ भी शुरू की गई हैं।
अब तक, 1,28,391 क्विंटल बीज आलू विभिन्न जिलों में भेजे जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 1,03,000 क्विंटल किसानों को वितरित किए जा चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप राज्य में लगभग 5949 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती की जा चुकी है।
उप मुख्यमंत्री ने बीज वितरण और रोपण की गति तेज करने, समय पर इनपुट और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में संचालन से जुड़ी चुनौतियों और उन्हें दूर करने की रणनीतियों पर भी चर्चा की गई, विशेष रूप से विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक में कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. अरविंद कुमार पाढी, बागवानी निदेशक श्री निखिल पवन कायन, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
ओडिशा सरकार आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। यह पहल कृषि उत्पादकता को बढ़ाने, किसानों की आर्थिक समृद्धि में योगदान करने और राज्य की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने राज्य सरकार की व्यापक आलू खेती की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस पहल को राज्य की “आलू, सब्जी और मसाले विकास” योजना के तहत लागू किया गया है, जिसके तहत रबी 2024 में 15,023 हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 1,95,299 क्विंटल प्रमाणित बीज आलू की आवश्यकता है। ओडिशा राज्य बीज निगम लिमिटेड को प्रमाणित बीजों की आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें से 1,79,476 क्विंटल बीज पहले ही सत्यापित किए जा चुके हैं। कार्यक्रम के सुचारु क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग ने कई सक्रिय कदम उठाए हैं।
जिला स्तर पर समन्वय बैठकें जिलाधिकारी-कम-कलेक्टरों के नेतृत्व में आयोजित की गई हैं ताकि जमीनी स्तर पर प्रयासों को सुदृढ़ किया जा सके। इसके अलावा, चयनित क्लस्टरों में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए संवेदनशीलता बैठकें आयोजित की गई हैं। जागरूकता फैलाने के लिए टेलीविजन विज्ञापन, पर्चे वितरण, सोशल मीडिया प्रचार और किसान सहभागिता बैठकें जैसी सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियाँ भी शुरू की गई हैं।
अब तक, 1,28,391 क्विंटल बीज आलू विभिन्न जिलों में भेजे जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 1,03,000 क्विंटल किसानों को वितरित किए जा चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप राज्य में लगभग 5949 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती की जा चुकी है।
उप मुख्यमंत्री ने बीज वितरण और रोपण की गति तेज करने, समय पर इनपुट और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में संचालन से जुड़ी चुनौतियों और उन्हें दूर करने की रणनीतियों पर भी चर्चा की गई, विशेष रूप से विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक में कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. अरविंद कुमार पाढी, बागवानी निदेशक श्री निखिल पवन कायन, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
ओडिशा सरकार आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। यह पहल कृषि उत्पादकता को बढ़ाने, किसानों की आर्थिक समृद्धि में योगदान करने और राज्य की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।