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विधानसभा में उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव ने की घोषणा
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कहा-हमारी सरकार वहां कुछ भी करने की नहीं देगी अनुमति
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गंधमार्दन को लेकर विधानसभा में गरमा-गरम बहस
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अडाणी कंपनी की जमीन खरीद पर प्रसन्न आचार्य ने उठाए थे सवाल
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नवीन सरकार ने दी थी अनुमति – केवी सिंहदेव
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कहा-अगर हुआ आंदोलन तो हम होंगे उसमें शामिल
भुवनेश्वर। ओडिशा में अडाणी कंपनी को बड़ा झटका लगा है। गंधमार्दन की पहाड़ियों में इस कंपनी के लिए नो-इंट्री रहेगी। कुछ काम करने की अनुमति नहीं मिलेगी।
अडाणी कंपनी द्वारा जमीन खरीदने के मुद्दे को लेकर बीजू जनता दल के उपनेता प्रसन्न आचार्य द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव ने कहा कि यह अनुमति मोहन माझी सरकार ने नहीं, बल्कि नवीन पटनायक सरकार के कार्यकाल में दी गई थी।
सिंहदेव ने जोर देते हुए कहा कि गंधमार्दन पहाड़ को किसी भी हालत में मोहन सरकार किसी के हाथों नहीं सौंपेगी। यदि कुछ भी ऐसा होता है, तो मैं भी आपके साथ उस आंदोलन में शामिल हो जाऊंगा।
उन्होंने आगे कहा कि यह जमीन बीजद सरकार के कार्यकाल में ही कंपनी को सौंपी गई थी। उन्होंने बीजद पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने गलती की है, पहले इसे स्वीकार करें। गंधमार्दन पहाड़ पर अडाणी हो या कोई और कंपनी, हमारी सरकार वहां कुछ भी करने की अनुमति नहीं देगी।
सिंहदेव ने सदन और राज्यवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि गंधमार्दन को नष्ट करने के लिए किसी को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कुछ गलत होता है, तो हम भी उस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे।
विधानसभा में गरमा-गरम बहस
आज इस मामले पर विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर गरमा-गरम बहस हुई। विपक्ष के उपनेता प्रसन्न आचार्य ने सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। आज शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि गंधमार्दन पर्वत रामायण काल से मौजूद है। इसका प्राकृतिक सौंदर्य बेहद मनमोहक है और यहां सैकड़ों प्रकार के औषधीय वृक्ष पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में नृसिंहनाथ और हरिशंकर मंदिर भी स्थित हैं। आचार्य ने याद दिलाया कि 80 के दशक में जब कांग्रेस सरकार ने बाल्को कंपनी को यह पहाड़ देने के लिए समझौता किया था, तो इसके खिलाफ जोरदार जन आंदोलन हुआ था। बाद में बीजू पटनायक की सरकार आने के बाद जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए उस समझौते को रद्द कर दिया गया था।
सैकड़ों एकड़ जमीन खरीद रही कंपनी
हालांकि, अब गंधमार्दन पर्वत के पास अडाणी कंपनी सैकड़ों एकड़ जमीन खरीद रही है। कंपनी का कहना है कि सुंदरगढ़ खदानों के कारण जंगल नष्ट होने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए इस जमीन पर वनीकरण किया जाएगा। उन्होंने सवाल किया सुंदरगढ़ में यदि जंगल काटा गया तो बलांगीर व बरगढ़ जिले में क्यों जंगल लगाया जाएगा। उन्होंन ने कहा कि दस एकड़ से अधिक की जमीन खरीदने पर प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए इस मामले में स्पष्टीकरण दे तथा लोगों का संदेह दूर करें।
बीजद और कांग्रेस पर बरसे राजस्व मंत्री
गंधमार्दन मुद्दे को लेकर बीजू जनता दल द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने तथ्यों के आधार पर बीजद और कांग्रेस दोनों को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि न केवल कांग्रेस, बल्कि जनता दल और बाद में बीजद ने भी गंधमार्दन को लेकर विभिन्न कंपनियों के साथ समझौते किए थे। जनता को सभी राजनीतिक दलों के वास्तविक चरित्र को जानने की जरूरत है।
1980 के दशक में हुआ था तीव्र विरोध
उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में कांग्रेस ने बाल्को कंपनी के साथ गंधमार्दन से बॉक्साइट खनन को लेकर समझौता किया था। उस समय इसका तीव्र विरोध हुआ था।
उन्होंने उस समय के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौर में जो अत्याचार हुआ, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। जिनकी हत्या नहीं हुई, उनकी हत्या के आरोप में 302 धारा लगाई गई।
बाल्को और वेदांत को भी सौंपने की थी योजना
पुजारी ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार जाने के बाद जब 1991 में बीजू पटनायक की सरकार आई, तब भी उस सरकार ने बाल्को कंपनी के साथ समझौता किया गया। यही नहीं, 2004 में बीजद सरकार ने वेदांत कंपनी को जमीन सौंपने की योजना बनाई थी। जनता को इन सभी दलों के चरित्र को समझने की जरूरत है।
बीजद न तो दोस्ती के काबिल है और न ही दुश्मनी के
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बीजद पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिए बीजद के साथ गठबंधन किया था, लेकिन आज हमें इसका पछतावा हो रहा है। बीजद न तो दोस्ती के काबिल है और न ही दुश्मनी के। जो लोग जंगल और जमीन की सुरक्षा की बात कर रहे हैं, वही एक समय कंपनियों को जमीन सौंप रहे थे।
किसी भी योजना को मंजूरी नहीं देगी सरकार
उन्होंने जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करती है और गंधमार्दन को नुकसान पहुंचाने की किसी भी योजना को मंजूरी नहीं देगी। हम हमेशा जनता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और रहेंगे।