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मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी
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कहा-भुखमरी नहीं, फूड प्वाइजनिंग बनी मौत का कारण
भुवनेश्वर। ओडिशा के कंधमाल जिले के मांडिपंका गांव में फूड प्वाइजनिंग के कारण तीन महिलाओं की मौत हो गई। उन्होंने आम की गुठली से बने दलिया का सेवन किया था। इस घटना की जानकारी खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र ने बुधवार को विधानसभा में दी।
मंत्री ने कहा कि इस घटना को लेकर उपजी भुखमरी की अफवाहों की जांच के बाद खंडन किया गया। जांच में यह पुष्टि हुई कि घटना के समय प्रभावित परिवारों के पास पर्याप्त खाद्य सामग्री थी। अधिकारियों ने जब पीड़ित परिवारों का दौरा किया, तो उन्होंने पाया कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में राशन मौजूद था।
मंत्री पात्र ने बताया कि कुछ लाभार्थियों के पास ‘नो योर कस्टमर’ (केवाईसी) दस्तावेज की कमी थी, लेकिन इसके बावजूद सभी को राशन उपलब्ध कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह पुष्टि हुई कि मौत का कारण फूड प्वाइजनिंग थी, न कि भुखमरी।
प्रभावित परिवारों को मिली वित्तीय सहायता
मंत्री पात्र ने कहा कि इस घटना के बाद पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि राशन वितरण प्रक्रिया को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत लाभार्थियों को 45 दिन पहले ही चावल उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि लॉजिस्टिक प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाया जा सके।
राशन वितरण में सुधार की योजना
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मंत्री ने बताया कि दूरदराज के इलाकों में और अधिक राशन केंद्र खोले जाएंगे। साथ ही, एक से दो महीने का राशन एक साथ वितरित करने की योजना है, ताकि लोगों को बेहतर सुविधा मिल सके।
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने यह बयान ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में दिया। अपने भाषण में उन्होंने सरकार की खाद्य वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि हर जरूरतमंद तक समय पर राशन पहुंच सके और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जाए।
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