भुवनेश्वर। ओडिशा कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग 10-11 नवंबर को भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन में श्री अन्न और ओडिशा की कृषि विरासत का उत्सव विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करेगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी करेंगे। उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने इस बारे में जानकारी दी।
यह संगोष्ठी मिलेट्स और भूले-बिसरे खाद्य पदार्थों की भूमिका पर केंद्रित होगी, जो खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूलता और सतत कृषि में अहम योगदान दे सकते हैं। सूखे और कीट प्रतिरोधी ये पारंपरिक फसलें ओडिशा की जलवायु के अनुकूल हैं और राज्य के कृषि परिदृश्य के लिए आदर्श मानी जाती हैं।
उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने कहा कि मिलेट्स और भूले-बिसरे खाद्य पदार्थों को अपनाने से ओडिशा की कृषि विरासत का संरक्षण होगा और अंतिम छोर के किसानों और जनजातीय समुदायों को आजीविका और स्वस्थ जीवन में सहयोग मिलेगा।
संगोष्ठी में 11 सत्र होंगे, जिनमें नवाचार कृषि प्रथाएं, कृषि जैव विविधता, नीति समर्थन और बाज़ार अवसरों पर चर्चा की जाएगी। ओडिशा को भारत का मिलेट हब बनाने के विषय पर भी विशेष सत्र होंगे, जिसमें प्रसंस्करण, जैविक प्रथाओं और निर्यात क्षमता पर विचार किया जाएगा।
इस दौरान पारंपरिक भोजन, कला और पाक विरासत की कहानियों के माध्यम से भूले-बिसरे खाद्य पदार्थों की सांस्कृतिक महत्ता का उत्सव मनाया जाएगा। नौ प्रदर्शनी स्टॉल पर विविध फसलें, नवाचार प्रथाएं और कृषि उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे, जिससे ओडिशा की कृषि परंपरा से जुड़ने का मौका मिलेगा।