कटक। पद्मश्री विनोद कानूनगो के ज्येष्ठ पुत्र, विशिष्ट शिक्षाविद् और स्तंभकार डॉ. पाबक कानूनगो (78) का बुधवार रात मर्कटनगर (सीडीए) स्थित आवास पर हृदयगति रुकने से निधन हो गया। वे ख्रीष्ट कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख पद से रिटायर हुए थे।
डॉ. कानूनगो ने ‘हम जातिसंघ’, ‘ओडिशा और गांधी’ आदि पुस्तकें लिखकर ओडिया प्रबन्ध साहित्य को समृद्ध किया। उनके अंतिम ग्रंथ के लिए उन्हें ओडिशा साहित्य अकादमी द्वारा 2001 में सम्मानित किया गया था। उनके रचित प्रबन्ध विभिन्न समाचार पत्रों में नियमित रूप से प्रकाशित होते थे। उन्होंने केन्दुपत्र और ओडिशा राजनीति पर शोध कर उत्कल विश्वविद्यालय से ‘डॉक्टरेट’ की डिग्री प्राप्त की थी।
डॉ. कानूनगो का जन्म 16 जनवरी 1947 को कटक जिले के किशोरनगर थाना अंतर्गत मल्लीपुर गांव में हुआ था। उनके पिता पद्मश्री विनोद कानूनगो और माता शशिबाला कानूनगो दोनों स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय थे। उन्होंने गांधी दर्शन के एक प्रमुख व्याख्याकार के रूप में खुद को स्थापित किया।
उनके निधन पर विशिष्ट शिक्षाविद् प्रोफेसर देबकांत मिश्रा, प्रोफेसर प्रकाश चंद्र षाड़ंगी, प्रोफेसर युगल किशोर मिश्रा, दाश बेनहुर, डॉ. नारायण मोहंती, डॉ. सनातन प्रधान, डॉ. रश्मी मिश्रा, ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
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