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असमय स्नान यात्रा और रथयात्रा आयोजन पर गजपति दिब्यसिंह देव ने जताई आपत्ति
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धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं का उल्लंघन ना करने का दिया सुझाव
भुवनेश्वर। अमेरिका के ह्यूस्टन में 3 और 9 नवंबर को भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा और रथयात्रा के असमय आयोजन की खबर के बाद पुरी के गजपति राजा दिब्यसिंह देव ने मंगलवार को इस्कॉन के अधिकारियों को पत्र लिखकर इन पवित्र उत्सवों को निर्धारित तिथियों पर ना मनाने का आग्रह किया।
पुरी राजा और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष दिब्यसिंह देव, जिन्हें भगवान जगन्नाथ के पहले सेवक (आद्य सेवक) के रूप में माना जाता है, ने अपने पत्र में लिखा कि यह हमारे संज्ञान में आया है कि इस्कॉन ह्यूस्टन केंद्र द्वारा 3 नवंबर 2024 को भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा और 9 नवंबर 2024 को रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह तिथियां धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं के खिलाफ हैं।
राजा दिब्यसिंह देव ने यह भी उल्लेख किया कि वैश्विक इस्कॉन भक्तों से उम्मीद की जाती है कि वे वैष्णव परंपरा के अनुयायी होने के नाते धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं का पालन करें। उन्होंने स्कंद पुराण का उल्लेख करते हुए बताया कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति और स्वयं वे इस्कॉन से अनुरोध करते आ रहे हैं कि रथयात्रा का आयोजन केवल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से द्वादशी या त्रयोदशी तिथि के दौरान ही किया जाए, न कि अन्य किसी तिथि पर।
इसके साथ ही, राजा ने 26 फरवरी 2008 को इस्कॉन मायापुर के गवर्निंग बॉडी कमिशन को लिखे अपने पत्र की प्रति भी संलग्न की। राजा ने 21 जुलाई 2021 को इस्कॉन इंडिया के गवर्निंग काउंसिल द्वारा लिए गए उस संकल्प का उल्लेख किया जिसमें तय किया गया था कि इस्कॉन के भारतीय केंद्र रथयात्रा का आयोजन धर्मग्रंथों और परंपराओं के अनुसार ही करेंगे।
उन्होंने ह्यूस्टन में 3 नवंबर को भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा आयोजित करने पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि भगवान का ‘जन्मदिवस’ मनाने के लिए हमारी मर्जी के हिसाब से कोई भी दिन नहीं चुना जा सकता।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के विधि मंत्री ने भी इस्कॉन से इस आयोजन को रोकने का आग्रह करने का आश्वासन दिया है।