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चक्रवात के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करना सरकार की प्राथमिकता : उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव
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सभी एजेंसियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार
भुवनेश्वर। ओडिशा संभावित चक्रवात डाना का सामना करने की तैयारी में जुट गया है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र और उत्तरी अंडमान सागर के समीप एक निम्न दबाव क्षेत्र बन चुका है।
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने चक्रवात से निपटने के लिए ओडिशा सरकार की तैयारी का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। ओडिशा के लोग पहले भी चक्रवात, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुके हैं और सरकार प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।
सरकार की तैयारी पर जोर देते हुए पुजारी ने कहा कि हम लगातार स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं और जिला कलेक्टरों और विशेष राहत आयुक्त सहित विभिन्न अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि चक्रवात के संभावित प्रभाव के बारे में सभी को सूचित किया जा सके।
उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि लाल और पीले चेतावनी वाले सभी जिलों और कम प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। सतर्क रहें, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन तब तक चौबीसों घंटे काम करेगा, जब तक चक्रवात समाप्त नहीं हो जाता। सरकारी अधिकारी 24/7 ड्यूटी पर रहेंगे, ताकि किसी भी समस्या का तुरंत समाधान हो सके।
इधर, उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव ने सोमवार को बताया कि ओडिशा सरकार के पास बेहतरीन आपदा प्रबंधन नीति है और सभी एजेंसियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली विभाग चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सरकार की प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति को बहाल करना है।
सिंहदेव ने कहा कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव में आमतौर पर जल आपूर्ति, विद्युत वितरण और संचार प्रणाली बुरी तरह से प्रभावित होती है। इसलिए हमारी प्राथमिकता है कि बिजली आपूर्ति को तेजी से बहाल किया जाए। विशेष रूप से तटीय जिलों के सब-स्टेशनों और ग्रिड सिस्टम पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो इस चक्रवात से प्रभावित हो सकते हैं।
कृषि क्षेत्र को लेकर उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और राज्य भर में विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। कई हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। किसानों को धान को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की सलाह दी गई है।
कटक में निपटने की तैयारियां तेज
इस बीच, कटक जिला प्रशासन ने भी चक्रवात से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं। जिला कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने बताया कि बांकी, आठगढ़ और कटक शहर में पांच एनडीआरएफ और ओड्राफ की टीमें तैनात की जाएंगी। प्रशासन आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी या अत्यधिक कीमत वसूली पर भी कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।