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ओडिशा पर मंडराया चक्रवात का खतरा

  • बंगाल की खाड़ी में ताजा निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना

  • 22 अक्टूबर तक डिप्रेशन और 23 अक्टूबर तक चक्रवाती तूफान में हो सकता है तब्दील

  • ओडिशा में लैंडफॉल की संभावनाएं

भुवनेश्वर। ओडिशा में एक बार फिर चक्रवात का खतरा मंडराने लगा है। कुछ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मौसम मॉडलों ने भविष्यवाणी की है कि 21 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्से में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा, जो 22 अक्टूबर तक डिप्रेशन और 23 अक्टूबर तक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार, यह सिस्टम उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा और ओडिशा के तट की ओर बढ़ सकता है। विभिन्न मॉडल इसके तीव्रता को लेकर अलग-अलग भविष्यवाणियां कर रहे हैं।

ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम मॉडल के मुताबिक, यह तूफान समुद्र में एक गंभीर चक्रवातीय तूफान में बदल सकता है, लेकिन ओडिशा में लैंडफॉल से पहले कमजोर हो सकता है। हालांकि, ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।

मशहूर मौसम विशेषज्ञ शरत साहू ने मीडिया को दिये गये बयान में बताया है कि वर्तमान में निम्न दबाव का क्षेत्र तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में बारिश करवा रहा है। 16 से 18 अक्टूबर के बीच ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर के बाद चक्रवात बनने की भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी होगी।

दूसरी ओर, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सूचित किया कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक डिप्रेशन पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर 12 किमी प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा है। वर्तमान में यह चेन्नई से 360 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, पुदुचेरी से 390 किमी पूर्व और नेल्लोर से 450 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है।

आईएमडी के अनुसार, यह डिप्रेशन पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 17 अक्टूबर, 2024 की सुबह के समय चेन्नई के पास पुदुचेरी और नेल्लोर के बीच तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों को पार करेगा।

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