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सरकारी अनदेखी के खिलाफ गजपति जिले के गांववालों ने खुद उठाया कदम
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बुनियादी सुविधाओं की कमी से थे परेशान
गजपति। ओडिशा के कई दूरदराज इलाकों में आजादी के दशकों बाद भी बुनियादी सुविधाएं एक सपना बनी हुई हैं। सड़कों और पुलों की बात तो छोड़ दें, राज्य के कुछ हिस्सों में लोग नदियों को पार करने के लिए ट्यूब और केबल का इस्तेमाल करते हुए देखे जाते हैं।
कुछ ऐसी ही दास्तां गजपति जिले के मोहना ब्लॉक के सरला पदर गांव का हैं। यहां के निवासियों को, जिसमें छात्र भी शामिल हैं, पंचायत कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और अस्पताल पहुंचने के लिए नदी को पार करना पड़ता है, क्योंकि वहां कोई पुल नहीं है।
हालांकि, गांववालों ने कई बार ब्लॉक और जिला प्रशासन से नदी पर पुल बनाने का अनुरोध किया है, लेकिन उनकी गुहारें अनसुनी रह गई हैं।
स्वयं पुल बनाने की ठानी
प्रशासन की लापरवाही से तंग आकर गांववाले खुद एक लकड़ी का पुल बनाने का निर्णय लेने पर मजबूर हुए हैं। एक ग्रामीण ने कहा कि पिछली सरकार ने 25 वर्षों तक हमारी अपील को नजरअंदाज किया। किसी को हमारी कठिनाई की परवाह नहीं है। हमें नदी पार करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। हमारे गांव की गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी होती है। एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि हमने बीडीओ और कलेक्टर से मदद मांगी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हमारी समस्याएं खत्म नहीं हुईं, इसलिए हम खुद एक अस्थायी लकड़ी का पुल बनाने के लिए मजबूर हुए।