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मुख्यमंत्री ने अनुभवों से प्रशासनिक स्तर पर त्रुटियों एवं विचलनों के प्रति आगाह किया

  • कहा-भ्रष्टाचार के खिलाफ अटल रुख है कि इससे समझौता नहीं

  • माझी ने जिलाधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

भुवनेश्वर। भुवनेश्वर के लोकसेवा भवन कन्वेंशन सेंटर में आज से दो दिवसीय जिलाधिकारी सम्मेलन की शुरुआत के मौके पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने अनुभव से प्रशासनिक स्तर पर कई त्रुटियों एवं विचलनों के प्रति आगाह किया। इस दौरान उन्होंने सुशासन का पाठ पढ़ाया तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार के अटल रुख को स्पष्ट करते हुए परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और नियमित तिमाही समीक्षा करने की सलाह दी।

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सरकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया और अपने अनुभव से प्रशासनिक स्तर पर कई गलतियों और विचलनों के बारे में जिले के अधिकारियों को आगाह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि सरकार की सभी योजनाएं समय पर शुरू हों और समय पर खत्म हों, लेकिन इसमें अक्सर भारी देरी हो जाती है। इससे सार्वजनिक असुविधाएं, अनियमितताएं, भ्रष्टाचार और परियोजना लागत में वृद्धि होती है। इसलिए परियोजना की गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करना जरूरी है।

अतः सभी योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर हो, इसके लिए जिला प्रशासकों को अपने-अपने जिले की वित्तीय एवं फिजिकल प्रगति पर प्रतिदिन नजर रखनी होगी। प्रत्येक योजना की ब्लॉकवार त्रैमासिक समीक्षा करना भी आवश्यक है। इस त्रैमासिक समीक्षा से आप सभी मुद्दों की पहचान करने और योजना को सही दिशा में चलाने के लिए उचित कदम उठाने में सक्षम होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पिछली सरकार के दौरान कई अनियमितताओं के बारे में पता चला है। आप जांच करें, यदि ऐसी कोई अनियमितताएं आपके ध्यान में आती हैं, तो उसकी जांच करें और आवश्यक कदम उठाएं। आपके पास यह अधिकार है। मुझे विश्वास है कि आप इसका उपयोग करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी। भ्रष्टाचार को लेकर किसी भी तरह की समझौते का सवाल ही नहीं उठता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला अधिकारी सरकार के लिए जमीनी स्तर के पुल यानि अंतिम मील कनेक्टिविटी हैं। सरकार लोगों के कल्याण के लिए बेहतर योजनाएं और नीतियां बना सकती है, लेकिन इन सभी योजनाओं को अंतिम लाभार्थियों तक पहुंचाने में जिला कलेक्टरों और जिला स्तरीय अधिकारियों की प्रमुख भूमिका होती है। राजधानी या कुछ शहरी इलाकों को छोड़ दें, तो सरकार ने कहा कि बाकी इलाकों में लोग जिलाधिकारियों को सबकुछ समझते हैं, क्योंकि दैनिक जीवन की विभिन्न समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर ही किया जाता है। इसलिए उनकी आशाओं और सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि योजनाओं के सफलतापूर्वक लागू होने पर इसका लाभ लोगों तक पहुंचेगा। सफल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी आपके हाथ में है। अगर सरकार की योजनाएं सफलतापूर्वक क्रियान्वित हुईं, तो हमारे राज्य से गरीबी दूर हो जायेगी और लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जायेगी।

समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित करें

उन्होंने इसी के साथ ओडिशा के आदिवासियों, दलितों और हाशिये पर रह रहे अन्य समुदायों की समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि उनके संज्ञान में कोई अनियमितता सामने आती है तो उनकी जांच करें।

सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क कर सकते हैं अधिकारी

अधिकारियों को संबंधित विभागों को इस मुद्दे का समाधान करने के लिए लिखना चाहिए। अधिकारी सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क कर सकते हैं। इस सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव, अन्य मंत्री, विभागों के सचिव शामिल हुए। वहीं, मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने कार्यक्रम की शुरुआत में विस्तृत दिशानिर्देश प्रस्तुत किए।

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