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विरोध के बाद मोहन माझी ने शराब नीति का प्रस्ताव रद्द किया

– पुरी में समुद्र तट पर और सभी धार्मिक स्थलों के पांच किलोमीटर के दायरे नियम होगा लागू

– शैक में शराब परोसने की अनुमित नहीं

– पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती समेत विभिन्न संगठनों ने जताया था विरोध

भुवनेश्वर। राज्य में जोरदार विरोध शुरू होने के बाद भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शैक में शराब परोसने से संबंधित नीति का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद अब विश्वविख्यात पर्यटन और धार्मिक स्थल पुरी में समुद्र तट पर अब शराब की बिक्री नहीं होगी। इतना ही नहीं, अब किसी भी धार्मिक स्थल के पांच किलोमीटर के दायरे में शैक में शराब परोसने की अनुमति नहीं होगी।
यह जानकारी देते हुए आबकारी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है राज्य सरकार अब धार्मिकस्थलों पर शराब पर प्रतिबंध का समर्थन करती है।
अधिसूचना में कहा गया है कि पुरी में समुद्र तट पर शराब परोसने की अनुमति देने से शहर की सामाजिक-धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत, विशेष रूप से भगवान श्री जगन्नाथ के साथ इसके जुड़ाव के संरक्षण से समझौता होगा।
इसके अलावा, विभाग का कहना है कि राज्यभर में इसी तरह के धार्मिक स्थल भी समुद्र तट पर मौजूद शराब परोसने के लिए बनी शैक की उपस्थिति से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए इस आशय का स्पष्टीकरण जारी करने का प्रस्ताव है कि पुरी नगरपालिका के अधिकार क्षेत्र के साथ-साथ ओडिशा के अन्य हिस्सों में सामाजिक-धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व के ऐसे अन्य स्थानों के 5 किलोमीटर के भीतर समुद्र तट पर इस तरह की शैक की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे अन्य स्थानों पर उचित विचार-विमर्श के बाद सरकार द्वारा निर्णय लिया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 1 सितंबर, 2024 से प्रभावी 2024-25 की उत्पाद शुल्क नीति ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उपाय के रूप में पूरे ओडिशा में समुद्र तट पर शराब परोसने की अनुमति दी गई थी।
इससे पहले पुरी और कोणार्क के तटों पर पर्यटकों के लिए समुद्र तट पर झोंपड़ियां में शराब बेचने और परोसने की ओडिशा सरकार की योजना का पुरजोर विरोध शुरू हो गया है।
पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती, जगन्नाथ संस्कृति के भक्त, शोधकर्ता, सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने इस कदम का कड़ा विरोध जताया था। शंकराचार्य ने इस योजना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ओडिशा की आध्यात्मिक पवित्रता के खिलाफ बताया था। उन्होंने कहा कि श्री जगन्नाथ धाम एक आध्यात्मिक और धार्मिक स्थान है, जहां किसी भी हालत में शराब या अन्य मादक पदार्थों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

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