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रक्षा मंत्रालय ने 26 हजार करोड़ रुपये का अनुबंध किया
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस कंपनी ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) के साथ सुखोई-30एमकेआई विमान के लिए 240 एयरो-इंजन की खरीद के वास्ते 26 हजार करोड़ रुपये का समझौता किया। एयरो-इंजन का निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन द्वारा किया जाएगा। उम्मीद है कि यह सुखोई-30 बेड़े की परिचालन क्षमता को बनाए रखने के लिए भारतीय वायु सेना की जरूरत को पूरा करेगा।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देते हुए रक्षा मंत्रालय ने सुखोई-30 एमकेआई विमान के लिए 240 एल-31एफपी एयरो इंजन के वास्ते एचएएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है। उसमें कहा गया है कि यह अनुबंध 26 हजार करोड़ रुपये का है।
रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में मंत्रालय और एचएएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
उल्लेखनीय है कि हालही में इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, ने 26,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
इस दौरान रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि ये एयरो-इंजन 54 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ बनाए जाएंगे। इन इंजनों की आपूर्ति एक साल बाद शुरू होगी और आठ वर्षों की अवधि में पूरी की जाएगी।