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‘नुआ ओ’ योजना होगी बंद, यूजी व पीजी छात्रों के लिए नई योजना लागू

  • ओडिशा विश्वविद्यालय अधिनियम 2020 में संशोधन करेगी सरकार : उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज

  • कहा-विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बहाल करने के लिए उठाया जाएगा कदम

  • जयपुर और बारिपदा में कुलपति नियुक्ति का रास्ता साफ होगा

भुवनेश्वर। राज्य सरकार ने शुक्रवार को कहा है कि उसने पिछली बीजद सरकार द्वारा शुरू की गई ‘नुआ ओ’ योजना को बंद करने का फैसला किया है। इसके साथ ही ओडिशा विश्वविद्यालय अधिनियम 2020 में संशोधन किया जायेगा।

राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने विधानसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नुआ ओ योजना के बजाय मोहन माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘यूजी और पीजी छात्रों को वित्तीय सहायता’ नामक एक नई योजना शुरू करेगी।

उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि 2024-25 के वार्षिक बजट में ‘नुआ ओ’ योजना के लिए कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि नई सरकार यूजी और पीजी छात्रों को वित्तीय सहायता नामक योजना के मोडालिटिज पर काम कर रही है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।

सूर्यवंशी ने आरोप लगाया कि बीजद सरकार ने ‘नुआ ओ’ योजना के तहत केवल कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर लगभग 95 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने इस योजना के लिए 300 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे।

बीजद विधायक गणेश्वर बेहरा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि बीजेडी सरकार द्वारा बनाए गए अधिनियम में सुधार की मांग की जा रही है और हम निश्चित रूप से इसे करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस संबंध में ओडिशा सरकार को पत्र लिखा था।

मंत्री ने बताया कि जययपुर और बारिपदा के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति का मुद्दा वर्तमान में विशेष कार्याधिकारियों की देखरेख में है। एक बार जब ओडिशा विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन हो जाएगा, तो कुलपति के साथ-साथ शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के मुद्दे भी सुलझा लिए जाएंगे।

2020 में बीजद सरकार द्वारा पारित इस अधिनियम में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे, जिनमें से कुछ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति और शिक्षण स्टाफ की भर्ती को लेकर यूजीसी के नियमों से भिन्न थे। इसके अलावा, कई बुद्धिजीवियों और विधायकों ने विश्वविद्यालयों के सिंडिकेट में उच्च शिक्षा सचिव के प्रतिनिधि की नामांकन को लेकर भी सवाल उठाए हैं, जिससे सार्वजनिक विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता कमजोर हो रही है।

तीन जिलों में सरकारी डिग्री कॉलेज खुलेंगे

ओडिशा के 30 जिलों में से झारसुगुड़ा, केंद्रापड़ा और जगतसिंहपुर जिलों में कोई सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है। इस पर टिप्पणी करते हुए मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि इन जिलों में कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, जो पिछली बीजेडी सरकार अपने 25 वर्षों के शासनकाल में नहीं कर पाई।

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