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लंबे समय से मधुमेह से थे पीड़ित
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इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली
बरगढ़। बरगढ़ के धानु यात्रा के कंस तथा प्रसिद्ध थिएटर कलाकार गोपाल साहू का मंगलवार सुबह 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सूत्रों के अनुसार, साहू लंबे समय से मधुमेह से पीड़ित थे और तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें सोमवार को झारसुगुड़ा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
गोपाल साहू ने बरगढ़ धानु यात्रा में 1984 से 1998 और फिर 2001 से 2008 तक कंस की भूमिका निभाई थी। उनके अभिनय की बदौलत यह किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया था।
साल 1999 में उन्हें बदलने की कोशिश की गई थी और भुवनेश्वर प्रधान को यह भूमिका दी गई, तो आयोजकों की अपेक्षाओं पर वह खरे नहीं उतरे, जिसके बाद साहू को 2001 में फिर से कंस की भूमिका के लिए चुना गया। हालांकि, 2009 में उनकी बिगड़ती सेहत के कारण उन्हें इस भूमिका से हटा दिया गया।
साहू के लिए कंस की भूमिका छोड़ना आसान नहीं था। अपने अंतिम दिनों में उन्होंने कहा था कि राजा था, अब एक साधारण प्रजा बन गया हूं। साहू को उनकी इस शानदार भूमिका के लिए 1994 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
साहू की पत्नी ने हमेशा उन्हें कंस का किरदार निभाने के लिए प्रेरित किया था, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि साहू की कद-काठी और दमदार आवाज इस भूमिका के लिए एकदम सही है। साहू के निधन से धानु यात्रा ने एक अद्वितीय कलाकार को खो दिया है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
उनके निधन पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शोक व्यक्त किया। साहू के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ओडिशा के सीएम मोहन माझी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि विश्व प्रसिद्ध बरगढ़ धानु यात्रा के पूर्व कंस महाराज गोपाल साहू के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। उनका बेदाग अभिनय कौशल उनकी सबसे बड़ी पहचान थी। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करूंगा और शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करूंगा।